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बिहार: छठ पूजा से पहले घाट का चौड़ीकरण, वाहनों के लिए पार्किंग तय, जानिए किन घाटों को किया गया खतरनाक घोषित

Chhath Puja 2023: बिहार में अब जल्द ही छठ पूजा की शुरुआत होने वाली है. इससे पहले इसकी तैयारी जारी है. घाटों का चौड़ीकरण किया हो रहा है. इसके साथ ही पार्किंग के स्थानों को तय किया गया है. इस व्यवस्था के बाद लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना नहीं करना होगा.

Chhath Puja 2023: बिहार में अब जल्द ही छठ पूजा की शुरुआत होने जा रही है. 19 नवंबर को छठ मनाया जाएगा. इससे पहले इसकी तैयारी जारी है. घाटों का चौड़ीकरण किया हो रहा है. इसके साथ ही पार्किंग के स्थानों को तय किया गया है. इस व्यवस्था के बाद लोगों को किसी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना होगा. लोगों को काफी आसानी होगी. इसको लेकर तैयारी की जा रही है. वहीं, कुछ घाटों को खररनाक भी घोषित किया गया है. साथ ही घाटों का चौड़ीकरण भी किया जा रहा है. छठ पूजा के दौरान व्रतियों को इस बार नहाने में किसी तरह की समस्या नहीं होगी. डीएम व एसएसपी भी लगातार छठ घाटों की समीक्षा कर रहे हैं. सभी एसडीओ व एसडीपीओ को घाटों का संयुक्त निरीक्षण करने का आदेश है.

वाहनों के लिए पार्किंग स्थल की व्यवस्था

कुर्जी और आसपास के रहने वाले लोगों को घाट पर छठ करने में आसानी होगी. यहां घाट पर जाने के लिए जेपी गंगा पथ के अंडरपास से घाट पर जाने के लिए दो रास्तों का निर्माण किया गया है. वाहनों के लिए पार्किंग स्थल का निर्माण कार्य जारी है. वाहन को लगाने के लिए अच्छी व्यवस्था की जा रही है. घाटों से अतक्रिमण हटाया जा रहा है. साथ ही कई घाटों को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है. घाटों का लगातार मुआयना किया जा रहा है. पटना नगर निगम छठ की तैयारी में जुटा है. शिवा घाट का रास्ता साफ करने के लिए अतिक्रमण को हटाया गया. इस बीच कई झुग्गी- झोंपड़ियों को तोड़ा गया. अधिकारियों ने छठ व्रतियों को सभी सुविधाएं मुहैया कराने और घाट की सभी कमियों को दुरुस्त करने का भी आदेश दिया. दीघा इलाके में पाटीपुल से जनार्दन घाट तक काम चल रहा है. पानी की तेज धारा से जमीन के कटाव को समतल कर उसे भरा जा रहा है. बालू से भरी बोरियां नदी किनारे डंप की जा रही हैं. इन दोनों घाटों के बीच की दूरी करीब 600 मीटर है. इस इलाके में 93 नंबर घाट सबसे चौड़ा है. शिवा घाट तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को मुख्य सड़क से 50 मीटर की दूरी तय करनी होगी. बंशीघाट, कालीघाट और कृष्णा घाट से भी अतक्रिमण को हटाया गया है.

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अतक्रिमण हटाने का काम जारी

पटना में चार घाट ऐसे है, जिनकी गहराई 10 फीट से अधिक है. इनमें एलसीटी घाट, मीनार घाट, राजापुर पुल और पहलवान घाट शामिल है. वहीं, अभी कुछ और घाटों को खतरनाक घोषित किया जा सकता है. अधिकारियों की टीम लगातार मुआयना कर रही है. बता दें कि इससे पहले प्रमंडलीय आयुक्त ने छठ को लेकर 75 घाटों पर हो रही तैयारियों का निरीक्षण किया था. साथ ही उन्होंने घाटों पर बैरिकेडिंग करने, नियंत्रण कक्ष, वाच टावर बनाने व सीसीटीवी लगाने का निर्देश अधिकारियों को दिया. उन्होंने कहा कि खतरनाक घाटों को पहले ही चिह्नित कर लाल कपड़े से घेर दिया जाये. घाटों पर पुरुष व महिला के लिए अलग- अलग शौचालय, स्वच्छ पेयजल, चेंजिंग रूम, व्रतियों के ठहरने के लिए शेड की व्यवस्था की जाये. घाटों के बाहर वाहन पार्किंग की बेहतर सुविधा रहेगी. एनडीआरएफ व एसडीआरएफ टीम की तैनाती सुनिश्चित होनी चाहिए.आयुक्त ने कहा कि घाटों पर जाने वाले एप्रोच रोड से अतिक्रमण हटाया जाये. इसके बाद अतक्रिमण को हटाया भी जा रहा है.

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घघा घाट की गहराई सबसे कम

दीघा घाट क्षेत्र में 93 नंबर घाट को सबसे चौड़ा किया जाएगा. मालूम हो कि अधिकारी घाट का निरीक्षण कर रहे हैं. इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर आगे कई निर्णय लिए जाएंगे. प्रशासन गंगा घाट पर गहराई माप रहा है. बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल के अधिकारियों ने भी घाट की जांच की. इसमें रानीघाट को सबसे गहरा 11 फीट का मापा गया. इसके अलावा घघा घाट की गहराई सबसे कम 1.4 फीट है. बाढ़ सुरक्षा प्रमंडल की रिपोर्ट के अनुसार रानीघाट के बाद सबसं गहरा गुलबीघाट है.

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