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बिहार: लगातार बारिश से कोसी-सीमांचल की नदियों में उफान, कोसी बराज के 27 फाटक खोले गये, गहराया बाढ़ का संकट..

बिहार में लगातार हो रही बारिश से कोसी-सीमांचल की नदियों में उफान है. कटिहार, भागलपुर, अररिया व पूर्णिया के निचले इलाके में पानी घुस चुका है. वहीं कोसी बराज के 27 फाटक खोल दिए गये हैं. भागलपुर में भी गंगा और कोसी का जलस्तर बढ़ा है. जानिए बाढ़ के क्या हैं हालात..

Bihar Flood Update: नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों के साथ ही मैदानी इलाकों में हो रही बारिश के कारण कोसी, गंगा, महानंदा व उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं. कटिहार, भागलपुर, अररिया व पूर्णिया जिले में निचले इलाकों में पानी जमा हुआ है. मंगलवार की शाम में कोसी बराज पर 02 लाख 23 हजार 760 क्यूसेक व बराह क्षेत्र में 01 लाख 25 हजार 300 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया. बराज स्थित कंट्रोल रूम से हर एक घंटे पर नदी के मापांक को प्रसारित किया जाने लगा है. नदी के मुहाने और अंतिम छोर पर झंडा लगा दिया गया, जिससे आम लोगों को जानकारी मिल रही है कि नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. नदी के 56 में से 27 फाटक को खोल दिये गये हैं.

भागलपुर में गंगा व कोसी का जलस्तर

भागलपुर जिले में बीते तीन दिनों में करीब 70 मिलीमीटर बारिश होने के कारण गंगा व कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गयी है. सोमवार दोपहर दो बजे से मंगलवार दोपहर दो बजे तक गंगानदी का जलस्तर एकाएक 39 सेंटीमीटर बढ़ गया. गंगा का जलस्तर बढ़कर 31.62 मीटर तक पहुंच गया. जलस्तर खतरे के निशान 33.68 मीटर से फिलहाल 2.06 मीटर दूर है. इधर, नवगछिया अनुमंडल की सीमा पर स्थित कुरसेला पुल के पास कोसी नदी का जलस्तर 13 सेंटीमीटर बढ़कर 28.9 मीटर पर पहुंच गया. कोसी यहां पर खतरे के निशान 30 मीटर से फिलहाल 1.10 मीटर दूर है.

नदियों में अगले पांच दिनों तक उफान जारी रहेगा

भागलपुर समेत नेपाल व तराई इलाके में बारिश की गतिविधियां जारी रहने से गंगानदी के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहेगी. वहीं उत्तराखंड में बारिश के फॉरकास्ट से गंगा समेत इसकी सहायक नदियों में अगले पांच दिनों तक उफान जारी रहेगा. मंगलवार को बिहार के पटना, मुंगेर, भागलपुर व कहलगांव तक गंगा नदी बढ़ रही है. वहीं यूपी के प्रयागराज व वाराणसी में मंगलवार को गंगानदी का जलस्तर कम हुआ है. इधर, शहर के गंगाघाटों पर पानी ऊपर चढ़ा है. वहीं शहर से सटे गंगानदी के दियारे पर पानी तेजी से फैल रहा है. वहीं टीएमबीयू के बिंदटोली घाट, किलाघाट, बूढ़ानाथ घाट, विसर्जन घाट, बरारी पुलघाट व श्मशान घाट में पानी तीन से चार मीटर ऊपर आ गया है.

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महानंदा, गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी में उफान

कटिहार में पिछले 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश के बीच जिले के सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर में मंगलवार को वृद्धि दर्ज की गयी है. महानंदा नदी का जलस्तर में मंगलवार को सभी स्थानों पर वृद्धि दर्ज की गयी है. इस नदी का जलस्तर झौआ, बहरखाल, आजमनगर, कुर्सेल, धबोल, दुर्गापुर व गोविंदपुर में बढ़ रही है. हालांकि इस नदी के घटते-बढ़ते जलस्तर से कई क्षेत्रों में कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. दूसरी तरफ गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है.गंगा, कोसी, बरंडी व कारी कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गयी है.

किशनगंज में नदियों ने लिया विकराल रूप

लगातार हो रहे बारिश के कारण किशनगंज के दिघलबैंक प्रखंड होकर गुजरने वाली नदियों का जल स्तर बढने से लोग भयभीत हैं. हालात यह है कि लोग अपने घरों को छोड़कर कोई सुरक्षित ठिकाना तलाशने लगे हैं. तस्वीर में साफ तौर से देखा जा सकता है की प्रखंड के पश्चिम व पूरब से गुजरने वाली कनकई व बूढ़ी कनकई नदी विकराल रूप लिए हुए हैं. जिसके कारण लोग बाढ़ के खतरों से सहमे हुए हैं. वहीं सिंघीमारी पंचायत केअधिकांश गांव में नदी का पानी फैल गया हैं. डोरिया गांव का भी वहीं हाल हैं. जहां के लोगों के घर के समीप नदी का पानी पहुचने लगा हैं. यह हालत प्रखंड में पिछले दो दिनों से हो रही भाड़ी बारिश के कारण नेपाल से निकलकर प्रखंड में बहने वाली नदियों का जल स्तर बढ़ा है. प्रखंड क्षेत्र होकर गुजरने वाली कनकई, बूढ़ी कनकई एवं कौल नदियों के जलस्तर में फिर से वृद्धि देखी जा रही है. जिसके फलस्वरूप कई निचले इलाकों में नदी का पानी फैलना शुरू हो गया है. वहीं कुछ जगहों पर पानी बढ़ने से डायवर्शन पर पानी चढ़ गया हैं. ज्ञात हो कि प्रखंड के पश्चिमी क्षेत्र सिंघीमारी, लोहागड़ा, पत्थरघटी यह पंचायतें पूर्व से ही बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र रहा हैं. जिस प्रकार इस क्षेत्र में बारिश हो रही है और नदियों में जल वृद्धि हुई है. लोगों के जहन में फिर से एक बार बाढ़ का डर सताने लगा है.

सहरसा में कोसी का जलस्तर

उत्तर बिहार व नेपाल के तराई क्षेत्र में पिछले 36 घंटे से लगातार हो रही बारिश से सहरसा में कोसी के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है. कोसी के जलस्तर में इस साल का सबसे अधिकतम डिस्चार्ज अब तक दो लाख 23 हजार क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया है. कोसी बराज कार्यालय वीरपुर से मिली जानकारी के अनुसार लगातार नेपाल क्षेत्र में बारिश हो रही है. इस साल अब तक कोसी नदी में सबसे अधिक डिस्चार्ज मंगलवार को रिकॉर्ड किया गया है. अभी स्थिति राइजिंग में है. जलस्तर में और भी वृद्धि होने की संभावना है. इधर, लगातार हो रही बारिश से तटबंध के अंदर कीचड़ से लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है.

कोसी नदी में उफान, सुपौल में नदियों का जलस्तर

नेपाल के जल ग्रहण क्षेत्र में लगातार बारिश होने से कोसी नदी उफान पर है. कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से अभियंताओं की भी परेशानी बढ़ गयी है. हालांकि पूर्वी व पश्चिमी कोसी तटबंध के सभी स्पर सुरक्षित बताये जा रहे हैं. मंगलवार को कोसी नदी का जलस्तर इस साल के सबसे अधिक जलस्तर पर पहुंच गया. शाम पांच बजे कोसी बराज पर 02 लाख 23 हजार 760 क्यूसेक व बराह क्षेत्र में 01 लाख 25 हजार 300 क्यूसेक पानी रिकॉर्ड किया गया. जिसके बाद नियमानुसार बराज स्थित कंट्रोल रूम से हर एक घंटे पर नदी के मापांक को प्रसारित किया जाने लगा. नदी के मुहाने और अंतिम छोड़ पर झंडा लगा दिया गया. ताकि आम लोगों को यह जानकारी हो सके कि नदी के जलस्तर में बढोतरी हुई है.

ThakurShaktilochan Sandilya
ThakurShaktilochan Sandilya
डिजिटल मीडिया का पत्रकार. प्रभात खबर डिजिटल की टीम में बिहार से जुड़ी खबरों पर काम करता हूं. प्रभात खबर में सफर की शुरुआत 2020 में हुई. कंटेंट राइटिंग और रिपोर्टिंग दोनों क्षेत्र में अपनी सेवा देता हूं.

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