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अपनी गाड़ी में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाया? नहीं, तो जानें कैसे करें आवेदन

भारत में 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड हुए सभी टू-व्हीलर्स पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं, फोर-व्हीलर्स में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के साथ कलर कोडेड स्टीकर लगाना जरूरी है.

High-Security Registration Plate: क्या आपके पास कोई गाड़ी है? क्या आपकी गाड़ी में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) लगवाया है? नहीं लगवाया है, तो अभी ही यह काम कर लें. पता नहीं, आने वाले दिनों में कहीं चालान न कट जाए. हालांकि, अब तो प्राय: हर गाड़ियों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है, क्योंकि कुछ साल पहले ही केंद्र सरकार ने गाड़ियों की पहचान के लिए इसे जरूरी कर दिया था. इसकी खासियत यह होती है कि इन नंबर प्लेटों में कुछ स्पेशल फीचर्स दिए गए हैं. इनमें 3डी होलोग्राम, इन्सक्रिप्शन के साथ इंडिया लिखा रिफ्लेक्टिव फिल्म और एक लेजर-नक्काशीदार सीरियल नंबर दिया गया है. इन नंबर के साथ छेड़छाड़ करना आसान नहीं है.

1 अप्रैल 2019 से नया नंबर प्लेट अनिवार्य

बता दें कि भारत में 1 अप्रैल 2019 से पहले रजिस्टर्ड हुए सभी टू-व्हीलर्स पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं, फोर-व्हीलर्स में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के साथ कलर कोडेड स्टीकर लगाना जरूरी है. जुलाई 2022 के बाद से बेची गई गाड़ियों में बाइ-डिफॉल्ट हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगा होता है. किसी भी मॉडल को बेचने से पहले खरीदार को कोई भी डीलर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के बिना गाड़ियों की डिलीवरी नहीं दे सकता.

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हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट की खासियत

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एल्यूमीनियम से बनी एक नंबर प्लेट है. इसे कम से कम वन टाइम यूज्ड स्नैप-ऑन लॉक के जरिए गाड़ी के फ्रंट और बैक में लगाया जाता है. स्नैप-ऑन लॉक की वजह से इसे आसानी से हटाया नहीं जा सकता है और न ही हटाने के बाद दूसरी नंबर प्लेट लगाई जा सकती है. नियम के अनुसार, अलग-अलग कैटेगरी की गाड़ी में अलग-अलग साइज की नंबर प्लेट होती है. गाड़ी के हिसाब से प्लेट का साइज दिया होता है. गाड़ी के फ्रंट और रियर प्लेट का साइज अलग हो सकता है.

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हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के फायदे

हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट का कलर गाड़ी की कैटेगरी के अनुसार व्हाइट, येलो और ग्रीन होता है. ये कलर रिफ्लेक्टिव होते हैं, जिससे लाइट पड़ने पर नंबर और अक्षर चमक उठते हैं. इससे ये सीसीटीवी कैमरे में आसानी से कैप्चर हो जाते हैं. प्लेट में ऊपर बाएं कोने पर नीले रंग में अशोक चक्र का हॉट-स्टैंप्ड क्रोमियम बेस्ड होलोग्राम होता है. इसमें एक सीक्रेट कोड होता है. इस सीक्रेट कोड में गाड़ी से जुड़ी सारी डिटेल्स होती है. जैसे, चेसिस और इंजन नंबर, परचेजिंग डेट, गाड़ी का मॉडल, डीलर और रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी आदि होता है. कार में ये दोनों कोड कलर कोटेड स्टीकर पर भी लिखे होते हैं, जिसे विंडशील्ड पर लगाया जाता है.

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आवेदन कैसे करें?

अगर आपकी गाड़ी में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं लगा है, तो आप सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (एसआईएएम) की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करके आवेदन कर सकते हैं. हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के लिए आवेदन करने के लिए वाहन पंजीकरण संख्या, चेसिस नंबर और इंजन नंबर जैसी डिटेल्स की जरूरत पड़ती है. इसके अलावा, आपको ऑनलाइन भुगतान करने के लिए एक फोन नंबर की भी जरूरत होगी, जो वन टाइम पासवर्ड, ईमेल आईडी और एक यूपीआई आईडी या क्रेडिट या डेबिट कार्ड प्राप्त कर सके.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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