BREAKING NEWS
Trending Tags
प्रो सतीश
Posted By
Opinion
‘एक चीन नीति’ का पुनर्मूल्यांकन हो
दूसरों को लाचार कहने वाला चीन महामारी के भंवर में फंसा हुआ है. अर्थव्यवस्था लुढ़कने लगी है. व्यापारिक सहयोगी छूटने लगे हैं. अमेरिका चीन के पीछे लगा है और संघर्ष युद्ध में तब्दील हो सकता है.
Opinion
समझौते से भारत की चिंता
अगर अमेरिकी सेना वापस जाती है और व्यूह रचना पाकिस्तान के हाथ में आती है, तो फिर वही होगा, जो 1989 में हुआ था. इससे मध्य-पूर्व के देशो में भारत की पहुंच कमजोर पड़ जायेगी.
Opinion
ग्राम स्वराज: लोकल से ग्लोबल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल से ग्लोबल की बात कही है. यह सोच तो उल्टी गिनती जैसी लग रही है. पिछले 70 वर्षों में भारत ग्लोबल से लोकल की लकीर पर रेंगता रहा. हमारे देश में बनी चीजें ग्लोबल मार्केट की प्रतिस्पर्धा में दम तोड़ती गयीं और हम समय की धारा में कब लोकल से ग्लोबल बन गये, पता ही नहीं चला. कोकाकोला और पेप्सी गांव की दुकानों में बिकने लगीं. भागलपुर की रेशमी साड़ी, जो माचिस की डिबिया में समा जाती थी, पश्मीना का शॉल और कानपुर का जूता समय के साथ दम तोड़ते गये. बहुत कुछ अंग्रेजों की वजह खत्म हुआ और फिर नेहरू जी के पश्चिम प्रेम ने लोकल पर हमेशा के लिए ताला लगा दिया. आज यह महामारी दुनिया को अपने अस्तित्व का बोध करा रही है. भारत के लिए भी यह एक सीख है.
Opinion
बढ़ती जा रही है चीन की बौखलाहट
दक्षिण चीन सागर के पड़ोसी देशों के साथ मिलकर उसने हांगकांग और ताइवान को चीन का हिस्सा बनाने की पहल भी शुरू कर दी है. उसने भारत के साथ भी सीमा विवाद पैदा कर दिया है.
Opinion
जिनपिंग का बिखरता सपना
तिब्बत के लोग अपनी मातृभूमि के लिए संघर्षरत हैं. अगर भारत का उन्हें साथ मिला, तो तिब्बत के जांबाज चीन के सैन्य बल को तोड़ने का काम कर सकते हैं. भारत के लिए भी जरूरी है कि तिब्बत कार्ड का प्रयोग अब किया जाये.
Opinion
क्वैड कूटनीति व आत्मनिर्भर भारत
चीन की शक्ति का पतन भी उसके आर्थिक ढांचे को तोड़कर ही सुनिश्चित किया जा सकता है. इसके लिए आत्मनिर्भर भारत से बेहतर विकल्प दुनिया के पास नहीं हो सकता है.