अटारी, पंजाबः भारत-पाकिस्तान की सीमा पर गुरुवार रात को छह लोगों को 11 रिवाल्वर और 22 मैगजीन के साथ गिरफ्तार किया गया. इनमें दो महिलाएं भी हैं. ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहनेवाले हैं, जहां पिछले दिनों सांप्रदायिक दंगे हुए थे. ये पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस रेलगाड़ी से लौट रहे थे. इनकी गिरफ्तारी अटारी अंतरराष्ट्रीय रेलवे स्टेशन पर हुई.
अटारी में तैनात सीमा शुल्क विभाग के उपायुक्त गुरुदेव सिंह ने बताया कि ये हथियार जूस निकालने और कीमा बनाने की मशीनों में छिपा कर रखे गये थे. इन्हें पाकिस्तान में हथियार तस्करों से खरीदा गया था. सूत्रों ने बताया कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि गिरफ्तार लोगों का मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितों से कोई ताल्लुक है या नहीं.
गिरफ्तार लोगों की पहचान शहनाज बेगम, अनीस अहमद, रजिया बेगम, रईज, आरिफ और नासिर के रूप में की गयी है. सभी की उम्र 40-45 साल के आसपास है. ये लोग 13 फरवरी 2014 को अपने रिश्तेदारों से मिलने लाहौर गये थे.
राहुल का उड़ा था उपहास : याद रहे कि बीते अक्तूबर माह में मध्यप्रदेश के इंदौर में पार्टी के एक कार्यक्रम में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने उनसे कहा है कि पाकिस्तान और आइएसआइ मुजफ्फरनगर के राहत शिविरों में दंगा पीड़ितों के संपर्क में हैं. राहुल ने ये भी कहा था कि आएसआइ दंगा पीड़ितों की भावनाओं को भुनाना चाहती है. तब, राहुल के इस दावे का भाजपा, मुसलिम संगठन और राहत शिविरों में रह रहे लोगों ने कड़ा विरोध किया था. और कहा था कि राहुल गांधी को इसका प्रमाण देना चाहिए. लेकिन अब अटारी में गुरुवार को बरामद हुए असलहे और गिरफ्तार मुजफ्फरनगर के आरोपियों को देखते हुए राहुल गांधी का यह कहना सच लग रहा है.