इस्लामाबाद: पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने एक मामले में एक आतंकवाद निरोधक अदालत से जमानत नामंजूर हो जाने को चुनौती देने के लिए शुक्रवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
आतंकवाद निरोधक अदालत ने वर्ष 2007 में पाकिस्तान में आपातकाल के दौरान न्यायाधीशों को हिरासत में लेने के मामले में उन्हें जमानत नहीं दी थी. अपनी इस याचिका में मुशर्रफ ने कहा के पूर्व राष्ट्रपति होने के नाते उनके खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत सुनवाई नहीं हो सकती और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप जमानतयोग्य हैं.
मुशर्रफ के वकील इलयास सिद्दकी ने यह याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर और पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे और राष्ट्रपति आतंकवादी नहीं हो सकते.’’