इस्लामाबाद : पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में राज्य सरकार द्वारा सुरक्षा की व्यवस्था करने में असमर्थ रहने की वजह से लड़कियों के अधिकार की लड़ाई लड़ने वाली मलाला युसूफजई की किताब के विमोचन का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया. मलाला के संस्मरण ‘आई एम मलाला’ का आज पेशावर विश्वविद्यालय में विमोचन किया जाना था. बचा खान एजुकेशन फाउंडेशन (बीकेईएफ), स्ट्रेंथनिंग पार्टिसिपेटरी ऑर्गेनाइजेशन (एसपीओ) और एरिया स्टडी सेंटर ने कार्यक्रम के आयोजन की योजना बनायी थी.
बीकेईएफ के निदेशक डॉक्टर खादिम हुसैन ने दैनिक समाचारपत्र डॉन से कहा, ‘‘यह (विमोचन रद्द किया जाना) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की और शिक्षा को बढ़ावा देने की भावना के खिलाफ है क्योंकि मलाला युसूफजई के सम्मान में कार्यक्रम के आयोजन का मतलब बाल अधिकारों को लेकर जागरुकता फैलाना था.’’उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें कल देर शाम बताया कि वह कार्यक्रम की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं कर सकते. एरिया स्टडी सेंटर के निदेशक सरफराज खान ने कहा, ‘‘मुझे मंत्रियों, कुलपति, रजिस्ट्रार और पुलिस समेत कई लोगों ने कार्यक्रम के आयोजन को लेकर रोका था.’’ इससे पहले पाकिस्तानी तालिबान ने क्षेत्र के किताब दुकानदारों से अपनी दुकानों में मलाला की किताब ना रखने की चेतावनी दी थी.
पाकिस्तानी तालिबान ने 2012 में मलाला पर जानलेवा हमला किया था. राज्य सरकार द्वारा किताब का विमोचन रोकने की खबर पर सोशल मीडिया नेटवर्कों पर आलोचना हुई. आसिफा भुट्टो जरदारी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मलाला की किताब पर रोक लगाने का पाकिस्तान सरकार का फैसला बहुत गलत है. यह सेंसरशिप है. हमारी भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहां गयी?’’