न्यूयार्क : अपने यहां नौकरी पर रखने के लिए एक भारतीय के वीजा आवेदनों के पक्ष में कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज पेश करने के आरोप में गिरफ्तार न्यूयार्क में भारत की डिप्टी कौंसल जनरल देवयानी खोब्रागडे को 250,000 डॉलर की जमानत राशि पर रिहा कर दिया.संघीय अदालत में उन्होंने दलील दी कि वह वीजा धोखाधड़ी की दोषी नहीं हैं.
वाशिंगटन में भारतीय दूतावास ने जारी बयान में कहा है कि 39 वर्षीय खोब्रागडे के खिलाफ उठाए गए कदम पर तुरंत अमेरिकी सरकार को अपनी गहरी चिंता से अवगत कराया गया.
खोब्रागडे को इन आरोपों पर गिरफ्तार किया गया कि वह न्यूयार्क में अपने घर और बच्चे की देखभाल के लिए एक भारतीय नागरिक के पक्ष में कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज पेश कर रही थीं. फिलहाल, खोब्रागडे न्यूयार्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास में राजनीतिक, आर्थिक, वाणिज्यिक और महिला संबंधी मामलों के लिए डिप्टी कौंसल जनरल के तौर पर पदस्थ हैं.
खोब्रागडे पर एक आरोप वीजा धोखाधड़ी का और एक फर्जी दस्तावेज पेश करने का है. दोनों के जुर्म में क्रमश: दस साल और पांच साल जेल की सजा हो सकती है.मैनहट्टन संघीय अदालत में आपराधिक शिकायत में आरोपों के मुताबिक खोब्रागडे ने अमेरिकी सरकार के स्टेट्स कौंसुलर इलेक्ट्रॉनिक अप्लीकेशन सेंटर में ऑनलाइन ए-3 वीजा के लिए एक आवेदन किया। यह अमेरिकी वीजा घरेलू कामगारों और नौकरों के लिए है. न्यूयार्क में नवंबर 2012 में खोब्रागडे उस भारतीय को अपने यहां रखना चाहती थीं.
वीजा आवेदन में उल्लेख किया गया कि खोब्रागडे को जिस भारतीय नौकर को रखना था उसे प्रति माह 4,500 डॉलर दिया जाना था। रोजगार अनुबंध के मुताबिक खोब्रागडे को घरेलू सहायकों को मौजूदा अथवा न्यूनतम वेतन अदा करना होता। प्रति घंटा 9.75 डॉलर वेतन दिए जाने का प्रावधान है.
बहरहाल, घरेलू सहायक ने नवंबर 2012 से जून 2013 तक खोब्रागडे के यहां काम किया. उसने प्रति सप्ताह 40 घंटे से ज्यादा काम किया और उसे प्रति घंटे 9.75 डॉलर से कम रकम दी गयी.
देवयानी को दो लाख 50000 डॉलर की जमानत पर रिहा किया गया है और उन्होंने अदालत में अपना राजनयिक पासपोर्ट जमा कर दिया है. न्यायाधीश ने आदेश दिया कि देवयानी देश छोड़कर नहीं जा सकती लेकिन अपनी यात्र के बारे में पूर्व सूचना देने पर वह अमेरिका में घूम सकती हैं.
देवयानी के वकील ने न्यायाधीश से कहा कि उनकी मुवक्किल के खिलाफ अभियोग नहीं चलाया जा सकता क्योंकि रायनयिक अधिकारी के तौर पर उन्हें छूट मिली हुई है. उनके वकील अदालत में राजनयिक छूट का दावा और संबंधित दस्तावेज दायर करेंगे.
सुनवाई के दौरान दूतावास के दो अधिकारी भी मौजूद थे। सुनवाई के पश्चात अदालत से बाहर आने के बाद देवयानी मुस्कुराई और उन्होंने वहां मौजूद अपने कुछ मित्रों को गले लगाया.
देवयानी ने कहा कि वह अभी प्रेस से बात नहीं कर सकती क्योंकि मामला अभी ‘विचाराधीन’ है. दूतावास ने बताया कि उसे सूचित किया गया था कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने देवयानी को हिरासत में लिया है.
उसने बताया कि देवयानी के खिलाफ उनकी पूर्व भारतीय घरेलू सहायिका संगीता रिचर्ड ने आरोप लगाए थे जिसके आधार पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। संगीता इस वर्ष जून से फरार हैं.
इस संदर्भ में दिल्ली उच्च न्यायालय ने सितंबर में एक अंतरिम आदेश जारी किया था जिसके जरिए संगीता पर रोजगार के नियम एवं शर्तों के आधार पर भारत के बाहर देवयानी के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरु करने पर रोक लगाई गई थी.
दूतावास ने कहा कि भारत में संगीता के खिलाफ मौजूदा मामले के बारे में पहले ही अमेरिकी सरकार को बता दिया गया है. बराड़ा ने देवयानी के खिलाफ आरोपों की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘घरेलू सहायक के रुप में काम के लिए अमेरिका लाए जाने वाले विदेशी नागरिकों को शोषण के विरुद्ध वही सुरक्षा प्राप्त है जो अमेरिका के नागरिकों को प्राप्त है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘झूठा बयान और फर्जीवाड़ा इसलिए किया गया ताकि घरेलू सहायिका के लिए वीजा जारी किया जाए जिसे उचित तनख्वाह से कम का वादा किया गया। अमेरिका में इस तरह का फर्जीवाड़ा और व्यक्ति का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ’’ देवयानी के खिलाफ 11 पृष्ठीय आपराधिक शिकायत में संगीता के नाम का जिक्र नहीं किया गया है.
मैनहट्टन संघीय अदालत में आपराधिक शिकायत के आरोपों के मुताबिक देवयानी ने अमेरिकी सरकार के स्टेट्स कौंसुलर इलेक्ट्रॉनिक एप्लीकेशन सेंटर में ऑनलाइन ए-3 वीजा के लिए एक आवेदन किया। यह अमेरिकी वीजा घरेलू कामगारों और सहायकों के लिए है. न्यूयार्क में नवंबर 2012 में देवयानी एक भारतीय को अपने यहां काम पर रखना चाहती थीं.
शिकायतकर्ता के अनुसार वीजा आवेदन में उल्लेख किया गया था कि देवयानी भारतीय सहायक प्रति माह 4,500 डॉलर वेतन देंगी. रोजगार अनुबंध के मुताबिक देवयानी को घरेलू सहायक को मौजूदा अथवा न्यूनतम वेतन अदा करना होता यानि देवयानी को सहायक को प्रति घंटा 9.75 डॉलर वेतन देना था. शिकायत के अनुसार घरेलू सहायिका ने नवंबर 2012 से जून 2013 तक देवयानी के यहां काम किया। वह प्रति सप्ताह 40 घंटे से ज्यादा काम करती थी और इसके लिए उसे प्रति घंटे 3.31 डॉलर वेतन दिया जाता था.