ढाका : बांग्लादेश के शीर्ष न्यायालय ने आज जमाते इस्लामी के नेता अब्दुल कादिर मुल्ला की फांसी स्थगित कर दी. कल रात मुल्ला को फांसी दी जानी थी लेकिन अंतिम क्षणों में इसे रोक दिया गया और बचाव पक्ष के वकीलों द्वारा दायर समीक्षा याचिका पर सुनवाई कल तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
सुप्रीम कोर्ट के अपीलीय खंड ने मुल्ला को 1971 के युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मौत की सजा सुनायी थी. समीक्षा याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश मुजम्मिल हुसैन ने कहा, ‘‘सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित की जाती है.’’ अदालत ने आगे का नोटिस जारी होने तक मुल्ला को मिलने वाली फांसी स्थगित कर दी है.
शीर्ष न्यायालय के चैम्बर न्यायाधीश न्यायमूर्ति सैयद महमूद हुसैन ने कल देर रात अंतिम क्षणों में दिए गए आदेश में आज सुबह साढ़े दस बजे (स्थानीय समय) तक के लिए मुल्ला की सजा पर रोक लगा दी थी. मुल्ला के वकीलों ने न्यायाधीश के घर जाकर उनसे स्थगन आदेश हासिल किया. मुल्ला को फांसी मिलने में केवल दो घंटे बचे थे जब स्थगन आदेश दिया गया.
मुल्ला को 13 जुलाई 2010 को गिरफ्तार किया गया था. 28 मई 2012 को युद्ध अपराध न्यायाधिकरण ने मुल्ला को युद्ध अपराधों का दोषी ठहराया था. जमाते इस्लामी के चौथे सबसे बड़े नेता मुल्ला पहले राजनेता हैं जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने युद्ध अपराधों का दोषी पाया. न्यायालय ने मुल्ला को सभी आरोपों से मुक्त करने की याचिका खारिज कर दी थी.