बीजिंग: भारत और चीन के सैनिक 10 दिनों के आतंकवाद विरोधी साझा सैन्य अभ्यास में दो संयुक्त कंपनियों में तब्दील हो गए हैं. परस्पर समझ और विश्वास को बढाने के मकसद वाला यह अभ्यास पांच वर्षों के अंतराल के बाद हो रहा है.
इस अभ्यास को ‘हैंड इन हैंड 2013’ नाम दिया गया है. यह चीन के शिचुआन प्रांत के मियाओरगंग में किया जा रहा है. दोनों देशों ने 160-160 सैनिकों को तैनात किया है. इसमें भारतीय सेना की 16 सिख लाइट इनफेंटरी डिवीजन के सैनिक और चीन के पीएलए की प्रथम बटालियन इनफेंटरी डिवीजन के सैनिक शामिल हैं. इस अभ्यास का आयोजन आतंकवाद विरोधी कौशल को बढ़ाने तथा एक दूसरे के अभियान संबंधी अनुभवों से सीखने के मकसद से भी किया गया है.
चीन और भारत ने साल 2007 में यूनान प्रांत में पहला वार्षिक आतंकवाद विरोधी अभ्यास किया था’ 2008 में दूसरा अभ्यास कर्नाटक में हुआ था. अगले चरण का अभ्यास स्थगित कर दिया गया था क्योंकि चीन ने जम्मू-कश्मीर में सैनिकों का नेतृत्व करने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी को वीजा देने से मना कर दिया था.
दोनों देशों के बीच सीमा संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद यह अभ्यास हो रहा है. पिछले महीने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीजिंग दौरे पर दोनों देशों ने सीमा रक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) पर हस्ताक्षर किया’ इस समझौते से सीमा पर तनाव से संबंधित मुद्दों का प्रभावी ढंग से निवारण करने में मदद मिलेगी.