फ्रांस में भारतीय दूतावास का हेल्पलाइन नंबर – 0033140507070
किसी भी भारतीय के हताहत होने की खबर नहीं
आतंकी हमले में 150 से अधिक लोगों की मौत
200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल
विश्वभर के नेताओं ने की हमले की निंदा
पेरिस : संगीत समारोह का आनंद लेने जाते युवाओं, फुटबॉल प्रेमियों और मशहूर रात्रिकालीन मनोरंजक स्थलों पर शुक्रवार रात को जश्न मनाते पेरिसवासियों को निशाना बनाकर किये गये कई हमलों में कम से कम 153 लोग मारे गये हैं. टीवी चैनलों का दावा है कि मरने वालों की संख्या बढ़ भी सकती है. शुक्रवार को हुई यह हिंसा दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से फ्रांस में अब तक हुई सबसे भयावह हिंसा है. राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इन हमलों को आतंकवाद करार देते हुए इनकी निंदा की और यह संकल्प लिया कि फ्रांस अपने शत्रुओं के खिलाफ दृढता के साथ खड़ा रहेगा. सबसे भयावह जनसंहार कल एक कॉन्सर्ट हॉल में हुआ, जहां एक अमेरिकी रॉक बैंड को प्रस्तुति देनी थी. कई लोगों को यहां बंदी बना लिया गया और फिर हमलावरों ने अपनी विस्फोटक बेल्टों से विस्फोट कर दिया. इमारत पर धावा बोलकर पुलिस ने कम से कम तीन हमलावरों को मार गिराया. पुलिस को इमारत के अंदर बेहद भयावह खूनी मंजर दिखायी दिया. पेरिस के प्रोसीक्यूटर फ्रांस्वा मोलिंस ने कहा कि पांच हमलावर मारे गये हैं. हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि वे कुल कितने लोग थे और कितने लोग अभी पकड से बाहर हैं? अधिकारियों ने कहा कि कुल छह स्थानों पर मारे गये लोगों की संख्या 120 के पार जा सकती है. इन स्थानों में एक राष्ट्रीय स्टेडियम और मशहूर रात्रिकालीन मनोरंजक स्थल शामिल हैं. ओलांद ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी और साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह देश की सीमाएं बंद कर रहे हैं. मात्र 10 माह पहले हुए शार्ली एब्दो हमले के बाद से शहर में भय का माहौल है.
आत्मघाती विस्फोटों से हुआ हमला
इन हमलों की शुरुआत राष्ट्रीय स्टेडियम के बाहर दो आत्मघाती विस्फोटों और एक अन्य विस्फोट के साथ हुई. उस समय स्टेडियम में फ्रांसीसी और जर्मन राष्ट्रीय टीमों के बीच फुटबॉल का एक मैच चल रहा था. कुछ ही मिनटों में, हमलावरों का एक अन्य समूह मशीनगनों से गोलियां बरसाता हुआ कॉन्सर्ट हॉल के बाहर खुले कैफेज में पहुंच गया. इसके बाद ये लोग अंदर घुस गये और वहां घबराए लोगों पर गोलियां बरसाईं. जैसे ही पुलिस अंदर आई, इन हमलावरों ने अपनी पेटियों से बंधे विस्फोटकों से खुद को उड़ा लिया. स्टेडियम के बाहर बम विस्फोटों के बाद ओलांद को स्टेडियम से निकाला गया. उन्होंने बाद में यह संकल्प जताया कि देश दृढता के साथ एकजुट होकर खड़ा रहेगा. उन्होंने कहा, ‘एक दृढ फ्रांस, एक एकीकृत फ्रांस है, एक फ्रांस जो एकसाथ मिलकर आगे आता है और एक फ्रांस जो कि आज भी खुद को लडखडाने नहीं देगा. इस आपदा के साथ भावनाओं का एक अथाह सैलाब आया है. यह त्रासदी घृणित है क्योंकि यह वहशीपन है.’
आईएसआईएस ने ली हमले की जिम्मेवारी
आईएसआईएस ने हमलों के लिए जिम्मेदारी ली है. इसके साथ ही जिहादियों ने ट्विटर पर हमले की तत्काल सराहना की और इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के खिलाफ फ्रांस के सैन्य अभियानों की आलोचना की. पुलिस ने कहा कि कॉन्सर्ट हॉल में हुई मौतों के अलावा पेरिस के 10वें प्रांत के एक रेस्तरां और शुक्रवार रात को भीडभाड वाले अन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले में दर्जनों लोग मारे गये. अधिकारियों ने कहा कि फुटबाल स्टेडियम के बाहर बम फटने के कारण कम से कम तीन लोग मारे गये. सभी अधिकारियों ने यह जानकारी उनका नाम उजागर न करने की शर्त पर दी क्योंकि ये लोग तेजी से हो रही जांच के दौरान सार्वजनिक रूप से बयान दिये जाने के लिए अधिकृत नहीं हैं.
हमलावरों को बख्शा नहीं जायेगा : ओलांद
प्रधानमंत्री फ्रांस्वा ओलांद ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, ‘यह एक कडी परीक्षा है, एक बार फिर हम पर हमला किया गया है.’ उन्होंने कहा, ‘हम जानते हैं कि यह किसने किया है, अपराधी कौन हैं और ये आतंकी कौन हैं?’ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वाशिंगटन में संवाददाताओं से कहा कि यह ‘संपूर्ण मानवता पर हमला है.’ उन्होंने कहा कि पेरिस पर किये गये हमले ‘मासूम नागरिकों को आतंकित करने का घृणित प्रयास है.’ उन्होंने संकल्प लिया कि वह इन हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे तक लाने के लिए हरसंभव मदद करेंगे. उत्तरी पेरिस में कल स्ताद द फ्रांस स्टेडियम के बाहर दो धमाके सुने गये. इस दौरान वहां फ्रांस और जर्मनी के बीच फुटबॉल मैच चल रहा था. अलायंस पुलिस नेशनेल के पुलिस यूनियन अधिकारी ग्रेगरी गौपिल ने कहा कि वहां हुए दो आत्मघाती हमलों और एक बम विस्फोट में दो प्रवेश द्वारों और मैक्डॉनल्ड्स के निकट कम से कम तीन लोग मारे गये.
विस्फोट की आवाजों से दहला स्टेडियम
एसोसिएटिड प्रेस के एक रिपोर्टर के अनुसार, विस्फोट की आवाज इतनी जोरदार थी कि वहां टीमों की हौसला अफजाई कर रहे दर्शकों के भारी शोरगुल बावजूद भी यह कानों को भेद गयी. तत्काल सायरन सुनाई देने लगे और उपर एक हेलीकॉप्टर मंडरा रहा था. ये हमले एक ऐसे समय पर किये गये हैं, जब फ्रांस ने एक बडे वैश्विक जलवायु सम्मेलन से पहले हिंसक प्रदर्शनों और संभावित आतंकी हमलों के डर से सुरक्षा प्रबंधों को काफी मजबूत किया हुआ है. यह सम्मेलन दो सप्ताह में शुरू होना है. ओलांद को इस सप्ताहांत तुर्की में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जाना था लेकिन उन्होंने इस यात्रा को रद्द कर दिया है. इस शिखर सम्मेलन में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के बढते भय पर प्रमुख तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना है. इटली के रावेना के एमिलियो माचियो उसी कैरिलन रेस्तरां में थे, जिसे हमलावरों ने निशाना बनाया था. जिस समय गोलीबारी शुरू हुई, वह फुटपाथ पर बीयर पी रहे थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी बंदूकधारी या पीडि़त को नहीं देखा. माचियो पहले एक कोने के पीछे छिप गये और फिर भाग निकले. उन्होंने कहा, ‘इससे आतिशबाजी जैसी आवाजें आईं.’ फ्रांस में जनवरी से ही घबराहट की माहौल है. वहीं किराना बाजार में हमला बोलने वाले हमलावर ने इस्लामिक स्टेट समूह के साथ संबंध का दावा किया था. इस बार हमलों में रॉक कॉन्सर्ट का लुत्फ उठाने जा रहे युवाओं को और शुक्रवार की रात को मौज मस्ती करने गए शहर के आम निवासियों को निशाना बनाया गया.
एक साल में दूसरा आतंकी हमला
जिन दो रेस्तरांओं को हमलों में निशाना बनाया गया, उनमें से एक ली कैरिलन है, जो कि शार्ली एब्दो के कार्यालयों के पडोस में ही है. जनवरी में इस्लामी चरमपंथियों ने व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो के कार्यालय में हमला किया था. उस हमले में 20 लोग मारे गये थे, जिनमें तीन हमलावर भी थे. शार्ली एब्दो पर हमला बोलने वाले हमलावरों ने दावा किया था कि उनके यमन में मौजूद चरमपंथियों के साथ संबंध हैं. हमलावरों ने बाताक्लान को भी निशाना बनाया, जो कि पूर्वी पेरिस के सबसे जाने-माने स्थानों में से एक है. यह रात के समय मौजमस्ती के लिहाज से बेहद जीवंत माने जाने वाले ओबरकैंप्फ इलाके के पास है. शुक्रवार रात को कैलिफोर्निया के बैंड ईगल्स ऑफ डेथ मेटल को वहां कार्यक्रम पेश करना था. देश में पिछले कुछ समय से कई छोटे स्तर के हमले या उनके प्रयास होते रहे हैं. इनमें एक घटना अगस्त की है, जब तेज गति से चल रही ट्रेन में अमेरिकी यात्रियों ने हथियारों से लैस एक व्यक्ति के हमले के प्रयास को विफल कर दिया था.
सीरिया में जारी है फ्रांस का हमला
फ्रांस की सेना सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर बमबारी कर रही है और अफ्रीका में चरमपंथियों से लड़ रही है. चरमपंथी समूह बीते समय में लगातार फ्रांस को धमकियां देते रहे हैं. फ्रांसीसी अधिकारी, उन सैंकडों फ्रांसीसी इस्लामी चरमपंथियों को लेकर विशेष तौर पर चिंतित हैं, जो कि सीरिया गये थे और अब देश में हिंसा को अंजाम देने के लिए लौट आये हैं. आतंकवाद विशेषज्ञ और वाशिंगटन आधारित आरएएनडी कॉरपोरेशन के अध्यक्ष के वरिष्ठ सलाहकार बी एम जेंकिन्स ने कहा कि हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है कि शुक्रवार रात की हिंसा का जिम्मेदार कौन है लेकिन ‘सभी की सूची में सबसे उपर’ इस्लामिक स्टेट का ही नाम है. जेंकिन्स ने कहा, ‘सबके दिमाग में सबसे बडा सवाल यह है कि क्या ये हमलावर सीरिया के किसी समूह से संबद्ध हैं? क्या वे घरेलू आतंकी हैं? या क्या ये इस्लामिक स्टेट समूह की ओर से लडाई लडकर लौटे हुए लडाके हैं?’