संयुक्त राष्ट्र : अमेरिका और ईरान ने 30 वर्षों से अधिक समय बाद पहली उच्च स्तरीय वार्ता की है जिसमें तेहरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर लंबे समय से चल रहा विवाद दूर करने की ‘संभावनाओं’ को पेश किया जबकि वाशिंगटन ने इस बैठक के बारे में सावधानीपूर्ण रवैया अपनाया.
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कल ‘ईरान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों और जर्मनी की मंत्रिस्तरीय ’ बैठक को ‘रचनात्मक’ करार देते हुए कहा कि यह बैठक ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर विवाद को सुलझाए जाने की संभावनाएं खोलती है लेकिन उन्होंने साथ ही सावधान किया कि ‘एक बैठक’ या ‘अंदाज में बदलाव’ होने से कार्यक्रम को लेकर सभी चिंताएं समाप्त नहीं हो जाती हैं.
उन्होंने कहा कि वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में लोगों के सवालों का जवाब देने का ‘‘ठोस’’ रास्ता ढूंढ़ने पर सहमत हुए हैं.
जरीफ ने कहा कि उन्होंने और केरी ने ‘‘मुद्दे को राजनीतिक गति प्रदान करने के लिए इन चर्चाओं को जारी रखने की जरुरत और एक उचित समय में किसी निष्कर्ष पर पहुंचने पर जोर दिया.’’उन्होंने कहा कि केरी ‘बहुत सकारात्मक’ और ‘अमेरिकी पक्ष की ओर से प्रक्रिया को स्वयं आगे ले जाने को लेकर बहुत प्रतिबद्ध ’थे.
उन्होंने कहा, ‘‘ मंत्री :जरीफ: की तरह मैं भी इस बात को लेकर बहुत महत्वाकांक्षी हूं कि हम क्या कर सकते हैं लेकिन हम सभी जानते हैं कि हमें राजनीतिक आकांक्षा को प्रभावशाली कार्य में बदलने के लिए बहुत व्यावहारिक होने की जरुरत है.’’एश्टन ने कहा, ‘‘ सबसे पहले हमने विश्वास हासिल करने के तरीकों के प्रस्ताव को सामने रखा है. ’’उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में हुई इस बैठक का मकसद एक माहौल बनाना और रुपरेखा के बारे में सोचना शुरु करना था.ब्रिटेन के विदेश सचिव विलियम हेग ने कहा , ‘‘ हमने जो बैठक की उसका अंदाज और भावना बहुत अच्छी थी. वास्तव में इस मसले पर पूर्ववर्ती बैठकों की तुलना में यह अंदाज और भावना में बड़ा बदलाव है. इसके लिए मैं जरीफ की प्रशंसा करता हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमने न्यूयार्क में इस सप्ताह उनके साथ काम करने के अच्छे संबंध बनाए हैं और यह बैठक इसी का प्रतिबिंब है. हमने इस मसले का समाधान शांतिपूर्वक और वार्ता के जरिए खोजने की महत्ता पर चर्चा की. ’’