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भारत-बांग्लादेश सीमा पर पशु तस्करी रोकने के लिए बीएसएफ ने गड्ढे खोदे
एंग्रेल (पश्चिम बंगाल) : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गहरी खाई खोदकर और सीमा की बाड में धातु की पाइप जोडकर भारत-बांग्लादेश सीमा के आर-पार मवेशियों की व्यापक तस्करी रोकने के लिए अनोखी पहल की है. इस प्रयास से तस्करी में 90 फीसदी कमी आ गयी है. बीएसएफ ने पिछले पांच महीने में न केवल […]
एंग्रेल (पश्चिम बंगाल) : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गहरी खाई खोदकर और सीमा की बाड में धातु की पाइप जोडकर भारत-बांग्लादेश सीमा के आर-पार मवेशियों की व्यापक तस्करी रोकने के लिए अनोखी पहल की है. इस प्रयास से तस्करी में 90 फीसदी कमी आ गयी है.
बीएसएफ ने पिछले पांच महीने में न केवल कर्मियों की संख्या बढाकर बल्कि उन्हें ज्यादा हथियार, वाहन और नदी वाले क्षेत्रों के लिए त्वरित मोटरबोट उपलब्ध कराकर 4096 किलोमीटर लंबी इस सीमा को अधिक सुरक्षित बनाया है.
पश्चिम बंगाल में दक्षिण 24 परगना जिले में मवेशियों की तस्करी रोकने के लिए सीमावर्ती इलाके में तैनात बीएसएफ के अधिकारियों का कहना है कि इस साल के प्रारंभ में कई कदम उठाए जाने के वाबजूद तस्करों द्वारा गश्ती दलों पर हमले की घटनाएं और खतरे बढ गए हैं.
इलाके के बीएसएफ के कमांडिंग अधिकारी बरजेंदर सिंह ने कहा, हमने इन इलाकों में मवेशी तस्करी को नियंत्रित करने के लिए अभिनवकारी तकनीकों का सहारा लिया. अंतरराष्ट्रीय सीमा से 21 किलोमीटर पहले 20 मीटर चौडी खाई खोदी गयी जबकि तस्करों द्वारा काटी गयी बाड के तारों को जीआई पाइपों से जोडा गया.
इस साल जब केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए इस सीमा चौकी पर बीएसएफ कर्मियों को बधाई दी थी तब एंग्रेल गांव सुर्खियों में आया था. अधिकारियों के अनुसार इन नये उपायों के अच्छा परिणाम आए हैं.
बीएसएफ के महानिरीक्षक (दक्षिण बंगाल सीमा) संदीप सांलुके ने कोलकाता में अपने मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, मवेशियों की तस्करी इस साल हमारी सीमा पर 90 फीसदी घट गयी. इस सीमा पर 80 फीसदी तस्करी होती थी. इस क्षेत्र में उत्तरी 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, मुर्शिदाबाद और माल्दा जिले आते हैं. बीएसएफ अधिकारियों ने स्थानीय खुफिया एवं बांग्लादेश की मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया कि पडोसी देश में गोमांस के दाम पिछले कुछ दिनों में दोगुने हो गए.
सरकार की नयी कार्ययोजना के आलोक में अपने कमांडरों को इन इलाकों को ज्यादा चक्कर लगाने का निर्देश देने वाले सालुंके ने बताया कि तस्करों के बीच बढती हताशा के कारण हिंसा की नई घटनाएं सामने आ रही हैं. उन्होंने बताया कि हर रोज जब तस्करों और उनके साथियों को चुनौती दी जाती है तो हम पर हमले होते हैं. इस साल अबतक हमारे 40 कर्मी गंभीर रुप से घायल हुए हैं औद दो की हत्या कर दी गयी.
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