21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमेरिकी रिपोर्ट का दावा, पाकिस्तान इस्लामी आतंकी समूहों की ‘शरणस्थली’

वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान कई इस्लामी आतंकी समूहों की ‘शरणस्थली’ है और ऐसा व्यापक रुप से माना जाता है कि पाकिस्तानी सरकारों ने भारत समेत पडोसी देशों के साथ देश के संघर्षों में कुछ समूहों का मुखौटे की तरह इस्तेमाल किया. 14 मई की तारीख वाली […]

वाशिंगटन: अमेरिकी कांग्रेस की एक शोध रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान कई इस्लामी आतंकी समूहों की ‘शरणस्थली’ है और ऐसा व्यापक रुप से माना जाता है कि पाकिस्तानी सरकारों ने भारत समेत पडोसी देशों के साथ देश के संघर्षों में कुछ समूहों का मुखौटे की तरह इस्तेमाल किया.

14 मई की तारीख वाली इस रिपोर्ट के अनुसार कई स्वतंत्र विश्लेषकों मानते हैं कि पाकिस्तानी सुरक्षा सेवाएं इस्लामी चरमपंथी समूहों को ‘अच्छा’ और ‘बुरा’ मानकर उनमें अंतर करती हैं और उन्होंने अफगान विद्रोहियों और पाकिस्तानी जमीन पर सक्रिय भारत विरोधी आतंकी समूहों की मदद करना जारी रखा है.
पाकिस्तान पर कांग्रेस की स्वतंत्र शोध सेवा (सीआरएस) की नवीनतम रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पाकिस्तान बहुत सारे इस्लामी चरमपंथी और आतंकवादी समूहों की एक शरणस्थली है और ऐसा व्यापक रुप से माना जाता है कि पाकिस्तानी सरकारों ने ना केवल कुछ समूहों की मौजदूगी को बर्दाश्त किया बल्कि पडोसी देशों के साथ देश के ऐतिहासिक टकरावों और संघषों में इनका मुखौटे के रुप में समर्थन किया.’’ यह रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है लेकिन मुद्दे के प्रसिद्ध जानकारों ने सांसदों को पाकिस्तान की वर्तमान स्थिति, पडोसी देशों के साथ उसके द्विपक्षीय संबंधों से अवगत कराने के लिए इसे तैयार किया है.
पिछले एक साल में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच ‘गंभीर तनाव’ बना हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी की इन पहलों में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रित करना और विदेश सचिव एस जयशंकर को दक्षेस यात्रा के तहत पाकिस्तान भेजना शामिल है.
दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ के एलेन क्रोन्सताड द्वारा तैयार की गयी सीआरएस रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान द्वारा हाल में विकसित की गयी छोटी दूरी की, परमाणु क्षमता से लैस मिसाइलों के कारण दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति में संकट गहरा सकता है.रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘खासकर पाकिस्तान में इस्लामी आतंकियों का भौगोलिक प्रभाव बढने के साथ उसके परमाणु हथियारों, सामग्री और प्रौद्योगिकी की सुरक्षा अमेरिका के लिए एक बडी चिंता बनी हुई है.’’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें