इस्लामाबाद: पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान कबाइली क्षेत्र में सीआईए संचालित ड्रोन हमले में आज एक घर को निशान बनाया जिसमें चार विदेशी लड़ाके मारे गए. इसके साथ ही पाकिस्तान में सीआईए संचालित ड्रोनों की एक महीने की चुप्पी समाप्त हो गई.
एक पाकिस्तानी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि ड्रोन से उत्तरी वजीरिस्तान एजेंसी इलाके में स्थित मीर अली क्षेत्र के बरकत शाह मदरसा से लगे एक मकान पर दो मिसाइल दागे गए. पाकिस्तान में पिछला अमेरिकी ड्रोन हमला करीब एक माह पहले किया गया था.विदेश मंत्रालय ने हमलों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसे एकतरफा हमले पाकिस्तान की सम्प्रभुता और सीमायी अखंडता का उल्लंघन है. हमले में मारे गए लोग ईस्ट तुर्कमेनिस्तान इस्लामी मूवमेंट के सदस्य बताए जा रहे हैं जो हाफिज गुल बहादुर के नेतृत्व वाले अलकायदा के धड़े से जुड़ा हुआ है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, उग्रवादियों का अंतिम संस्कार मीर अली में हुआ. उन सभी को स्थानीय कब्रिस्तान में दफनाया गया. गुल बहादुर उत्तरी वजीरिस्तान के सबसे शक्तिशाली उग्रवादी नेताओं में से एक हैं और उन्हें विदेशी लड़ाकों के साथ संबंधों के कारण जाना जाता है. हक्कानी समूह के साथ भी उनके करीबी रिश्ते हैं. यह हमला ऐसे समय किया गया है, जब सिर्फ एक ही दिन पहले यानी कल, प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने पाकिस्तान की नेशनल असेंबली को बताया था कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अगले माह वाशिंगटन की अपनी यात्रा के दौरान अमेरिका के साथ ड्रोन हमलों के मुद्दे को उठाएंगे.
इस्लामाबाद की अपनी हाल की यात्र के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने संकेत दिया था कि सीआईए का ड्रोन अभियान जल्द ही बंद किया जा सकता है. हालांकि, अमेरिकी प्रशासन ने उनके इस बयान को तरजीह नहीं दी. रिपोर्टों के अनुसार पाकिस्तान में अब तक चार सौ ड्रोन हमलों में कुल 565 आतंकवादी मारे जा चुके हैं. मानवाधिकार समूहों का कहना है कि इन हमलों में कुछ ऐसे लोग भी मारे गए हैं जिनका आतंकवाद से कोई लेना देना नहीं था.