काहिरा : अमेरिका और ब्रिटेन सीरिया पर हमले की योजना से आज पीछे हटते दिखे तो दूसरी ओर सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद ने कहा कि किसी भी सैन्य संघर्ष में उनके देश की जीत होगी.बीते 21 अगस्त को दमिश्क के निकट हुए कथित रासायनिक हमले को लेकर पश्चिमी ताकतें सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तैयारी लगभग कर चुकी हैं, लेकिन संयुक्त राष्ट्र की जांच रिपोर्ट आने तक हमले को लेकर अमेरिका के कई सहयोगी देश अनिच्छुक दिखाई दिए.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि सीरिया पर हमला करने के बारे में उन्होंने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है. ओबामा ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है, लेकिन रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया जाना चाहिए. इस बात पर शायद ही कोई मतभेद होगा कि सीरिया में नागरिकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है.’’ ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरून भी अपने रुख से पीछे हट गए और सीरिया पर हमले में विलंब पर सहमति जता दी.
कैमरून ने अब कहा है कि वह सीरिया में सैन्य दखल में ब्रिटेन की प्रत्यक्ष भागीदारी के लिए सांसदों की मंजूरी लेने से पहले संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों की ओर से तैयार रिपोर्ट का इंतजार करेंगे.
मून ने कहा, ‘‘कूटनीति को एक मौका मिलना चाहिए…शांति के लिए मौका मिलना चाहिए. किसी भी कारण से और किसी भी परिस्थिति में रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करना मानवता के खिलाफ अपराध है और इसके लिए जवाबदेही तय की जानी चाहिए.’’
उधर, सीरियाई राष्ट्रपति असद ने कहा, ‘‘संकट की शुरुआत से हमने इसका इंतजार किया कि हमारे असली दुश्मन खुद अपना पर्दाफाश करें.’’ उन्होंने सीरियाई अधिकारियों से कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि आपका हौसला बुलंद है और आप किसी भी हमले का सामना करने तथा अपनी सरजमीं की हिफाजत करने के लिए तैयार हैं. इस ऐतिहासिक संघर्ष में जीत हमारी होगी.’’
अमेरिका और सहयोगी देश कथित रासायनिक हमले की वजह से सीरिया के बशर अल असद शासन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करना चाहते हैं. दमिश्क के निकट बीते 21 अगस्त को कथित रासायनिक हमला हुआ था जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत की खबर है.