इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने आज पाकिस्तान के साथ साझा आतंकवाद विरोधी अभियान की पैरवी की तथा तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया में इस्लामाबाद का सहयोग मांगा. करजई एक दिन के आधिकारिक दौरे पर इस्लामाबाद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बातचीत की. शरीफ ने उन्हें हर संभव मदद […]
इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने आज पाकिस्तान के साथ साझा आतंकवाद विरोधी अभियान की पैरवी की तथा तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया में इस्लामाबाद का सहयोग मांगा.
करजई एक दिन के आधिकारिक दौरे पर इस्लामाबाद पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से बातचीत की. शरीफ ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया.अफगान राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने और शरीफ ने आपस के सभी मुद्दों पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने इस दिशा में मुख्य रुप से चरमंपथ के खिलाफ साझा लड़ाई के मुद्दे पर चर्चा की. अफगानिस्तान में सुलह की प्रक्रिया को लेकर इस उम्मीद के साथ बातचीत की गई कि पाकिस्तान इसमें उस तरह से मदद करेगा जैसे वह कर सकता है. इससे अफगान उच्च शांति परिषद तथा तालिबान के बीच बातचीत के लिए सभी मंचों पर अवसर मिलेंगे.’’ करजई ने कहा कि दोनों देशों की बुनियादी चिंता नागरिकों के लिए सुरक्षा का अभाव तथा आतंकवाद की समस्या है.
शरीफ ने कहा कि उनकी सरकार ने इस प्रतिबद्धता के साथ कार्यभार संभाला है कि बाहर एक शांतिपूर्ण माहौल पैदा किया जाएगा ताकि पाकिस्तान की घरेलू प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सके.
इस्लामाबाद : अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई आज एक दिन की यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे. करजई दोनों देशों के उतार-चढ़ाव वाले रिश्तों तथा तालिबान नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर की रिहाई की मांग को लेकर यहां चर्चा करेंगे.पाकिस्तान में नये सरकार के गठन के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच यह पहली उच्च स्तरीय वार्ता होगी.
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ऐजाज चौधरी ने कहा कि करजई की यात्रा से दोनों देशों के बीच सकारात्मक संपर्क की प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा.तालिबान के साथ वार्ता को बढ़ावा देने के लिए जून में कतर की राजधानी दोहा में तालिबान का कार्यालय खोलने का अमेरिका और पाकिस्तान ने समर्थन किया था. साथ ही पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने एक बयान में कहा था कि अफगानिस्तान सरकार को स्थायी शांति के लिए तालिबान को कुछ प्रांत दे देने चाहिए. इन दोनों घटनाक्रमों से अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संबंधों में गतिरोध आ गया था.
अजीज ने जून में इस्लामाबाद में एक बैठक के दौरान अफगानिस्तान के राजदूत उमर दुआदजाई के सामने यह प्रस्ताव रखा था.करजई के साथ यहां एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल आया है जिसमें कैबिनेट मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं.प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने को अपना एजेंडा बनाया है और जून में सत्ता संभालने के बाद कम से कम तीन बार करजई से बातचीत की है.