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मोदी ने श्रीलंका की संसद को किया संबोधित, कहा पडोसियों में भारत पर पहला हक आपका

कोलंबो :भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आर्थि‍क विकास में भारतीय सहयोग पर पड़ोसी देशों का विशेषकर श्रीलंका का पहला हक है. श्रीलंकाई संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि श्रीलंका के साथ साझेदारी को विकसित करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘आदर्श पड़ोसी को लेकर […]

कोलंबो :भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आर्थि‍क विकास में भारतीय सहयोग पर पड़ोसी देशों का विशेषकर श्रीलंका का पहला हक है. श्रीलंकाई संसद को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि श्रीलंका के साथ साझेदारी को विकसित करने के लिए भारत पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, ‘आदर्श पड़ोसी को लेकर मेरा दृष्टिकोण यह है जिसमें व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी प्रवाह सीमापार से आसानी से हो सके, जहां साझेदारी दैनिक कार्यक्रम को सरल किए जाने के आधार पर बने.’ मोदी ने कहा, ‘भारत जैसा कि तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, हमारे पड़ोसियों का भारत पर पहला हक है. और इसमें सबसे पहला हक श्रीलंका का है.

इसके पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली श्रीलंका यात्रा के दौरान आज दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये, साथ ही रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण इस पडोसी देश के साथ गठजोड मजबूत करने के उद्देश्य से कई पहलों की घोषणा की गई. गौरतलब है कि पिछले 28 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है. हिंद महासागर में स्थित तीन द्वीपीय-देशों की यात्रा के अंतिम चरण में आज सुबह यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की.

मोदी ने सिरिसेना के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘मैं इस यात्रा के महत्व के प्रति सजग हूं. यह 1987 के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है.’ सिरीसेना जनवरी में सत्तासीन होने के बाद पिछले महीने अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति सिरिसेना के साथ उनकी बैठक बेहद सफल रही. उन्होंने कहा ‘इससे मुझे हमारे रिश्तों के भविष्य के बारे में भरोसा और उम्मीद दिखती है.’ दोनों देशों के बीच वीजा, सीमाशुल्क, युवा विकास और श्रीलंका में रवींद्रनाथ टैगोर स्मारक बनाने से जुडे चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये.

उन्होंने कहा ‘हमारे सीमाशुल्क विभागों के बीच आज हुआ समझौता इसी दिशा में एक कदम है. इससे व्यापार सुगम होगा और दोनों तरफ गैर-शुल्क बाधाएं घटेंगी.’ मोदी ने कहा कि दोनों देशों द्वारा की गई प्रगति से मजबूत आर्थिक सहयोग की साझा प्रतिबद्धता जाहिर होती है. उन्होंने कहा ‘हमारे व्यापार में पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है. मुझे भारत के साथ आपकी व्यापार चिंताओं के बारे में पता है. जैसा कि मैंने दिल्ली में कहा, हम इसे सुलझाने की कोशिश करेंगे.’ मोदी ने कहा कि भारत त्रिंकोमाली को पेट्रोलियम का बडा केंद्र बनाने में मदद के लिए तैयार है.

साथ ही उन्होंने घोषणा की कि नयी दिल्ली रेलवे क्षेत्र में श्रीलंका के लिए 31.8 करोड डालर तक की नयी ऋण सुविधा मुहैया कराएगा. उन्होंने कहा ‘इसका उपयोग रेलवे के लिए इंजिन, डिब्बे तथा अन्य जरुरी सामान (रोलिंग स्टाक) खरीदने और मौजूदा रेलवे ट्रैक की मरम्मत और उन्नयन के लिए किया जाएगा.’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक और सेंट्रल बैंक आफ श्रीलंका 1.5 अरब डालर का मुद्रा अदला-बदली समझौता करने पर सहमत हो गए हैं ताकि श्रीलंकाई रुपये में दूसरी मुद्राओं के मुकाबले घटबढ को स्थिर रखने में मदद मिल सकेगी.

उन्होंने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति सिरीसेना के प्रयासों की प्रशंसा की और उन्हें भारत से मदद के प्रति आश्वस्त किया. मोदी ने कहा ‘हम भविष्य निर्माण की आपकी उन सभी कोशिशों में आपके साथ है जिसमें श्रीलंकाई तमिल समुदाय समेत समाज के हर वर्ग की आकांक्षा शामिल हो जिससे कि एकजुट श्रीलंका में समानता, न्याय, शांति और सम्मानजनक जीवन हो.’ मोदी ने कहा ‘हमारा मानना है कि 13वें संशोधन के जल्द और पूर्ण कार्यान्वयन और इसके आगे जाना भी इस प्रक्रिया में योगदान करेगा.’ मोदी हिंद महासागर स्थित तीन देशों की यात्र के अंतिम चरण में यहां आए हैं. इससे पहले वह सेशेल्स और मारीशस की यात्रा पर गये थे.

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