अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी आधिकारिक भारत यात्रा से कुछ दिन पहले, अपने सालाना ‘‘स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस’’ में जहां आतंकवाद के सफाये के लिए सांसदों से नयी शक्तियां मांगी. वहीं, ईरान पर प्रतिबंध की बजाय वार्ता को तवज्जो देने की बात कही. इसके साथ ही अमेरिकी अर्थव्यवस्था के दुरुस्त होने का जिक्र करते हुए ऐसी व्यवस्था का आह्वान किया, जो मध्यम वर्ग के हित में हो. इस बीच अमेरिका ने संकेत दिये हैं कि वह भारत के साथ व्यापार को 100 से बढ़ाकर 500अरब डॉलर करना चाहता है.
वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पेशावर से लेकर पेरिस की सड़कों तक आतंकवादियों के सफाये के लिए अथक प्रयास करने का संकल्प दोहराया है. इसके लिए कांग्रेस से इसलामिक स्टेट के उग्रवादियों के खिलाफ नयी युद्ध शक्तियों को मंजूरी देने का आह्वान किया. सांसदों से कहा कि वह आतंकी समूह के खिलाफ बल प्रयोग के लिए अधिकृत करने संबंधी प्रस्ताव को पारित कर ‘दुनिया को यह दिखाएं कि इस मिशन पर हम एकजुट हैं. ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम को लेकर उस पर ताजा प्रतिबंध लगाने के लिए जल्दबाजी न करने की भी बात कही. ओबामा ने कहा कि हमारे देशवासी हमसे अंतिम विकल्प के रूप में ही युद्ध में जाने की अपेक्षा रखते हैं और उनका इरादा इस अपेक्षा पर खरा उतरने का है. ओबामा ने ‘स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस’ में कहा कि पाकिस्तान में स्कूल से लेकर फ्रांस की सड़कों तक आतंकवादियों ने जिन लोगों को निशाना बनाया है, हम उन लोगों के साथ हैं. हम आतंकवादियों का और उनके नेटवर्क का सफाया करते रहेंगे.
अफगान-इराक से सबक
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने अफगानिस्तान व इराक में आतंकवाद के खिलाफ अपने युद्ध से सबक भी सीखा है. यही वजह है कि विशाल जमीनी सेना भेजने के बजाय हम दक्षिण एशिया से उत्तरी अफ्रीका तक संबंधित देशों के साथ सहयोग कर रहे हैं ताकि आतंकवादियों को सुरक्षित पनाह न मिले. इराक और सीरिया की चर्चा करते हुए कहा कि अमेरिकी सैन्य नेतृत्व इसलामिक स्टेट को अपना दायरा विस्तृत करने से रोक रहा है. दोनों जगह आइएस ने बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है और खिलाफत शासन की घोषणा कर रखी है.
ईरान पर प्रतिबंध ठीक नहीं
ओबामा ने ईरान पर नये प्रतिबंध लगाने संबंधी कांग्रेस के किसी भी विधेयक पर वीटो करने की धमकी देते हुए कहा कि ऐसा कदम अब तक की गयी प्रगति को निर्थक कर देगा. मैं एक परमाणु संपन्न ईरान को रोकने के लिए अपने सामने सभी विकल्प रखता हूं. ‘फिलहाल, इस कांग्रेस द्वारा पारित नये प्रतिबंध का रिजल्ट होगा कि कूटनीति नाकाम हो जायेगी. अमेरिका अपने सहयोगियों से अलग थलग हो जायेगा और ईरान का अपना परमाणु कार्यक्रम फिर से शुरू कर सकता है.
यात्रा के लिए सुरक्षा चाक-चौबंद
नयी दिल्लीः केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि रविवार(25 जनवरी) से शुरू हो रही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की तीन दिवसीय भारत यात्र के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध कर लिए गये हैं. गणतंत्र दिवस की परेड के लिए राजपथ के वीवीआइपी प्रांगण में सात स्तरीय सुरक्षा घेरा लगाया जायेगा. यहां ओबामा गणतंत्र दिवस की परेड के मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद होंगे. इस क्षेत्र के ऊपर वायुक्षेत्र की निगरानी विशेष तौर पर लगाये गये रडार के जरिये की जायेगी. सुरक्षा का यह घेरा ओबामा की यात्रा के दौरान जमीन से वायु तक की सुरक्षा की कवायद का हिस्सा होगा.
ओबामा की आगरा यात्रा के दौरान भी सुरक्षा की यह व्यवस्था उनके साथ बनी रहेगी. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सभी सुरक्षा प्रबंध किये जा चुके हैं. कहीं भी कोई समस्या नहीं होगी. एक बहु-एजेंसी नियंत्रण कक्ष के जरिये राष्ट्रीय राजधानी के हर क्षेत्र में निरीक्षण अभियानों की निगरानी की जायेगी. इस दौरान राजधानी को उच्चतम अलर्ट पर रखा गया है. गृह मंत्रलय के तहत आने वाले सीमा सुरक्षा बल ने यात्र के मद्देनजर, जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 1200 अतिरिक्त जवानों को तैनात किया है.
परमाणु करार पर होगी प्रगति, बढ़ेगा व्यापार
वहीं, ओबामा की यात्रा से पहले भारत और अमेरिका के अधिकारियों ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु करार के अमल की राह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए बुधवार को लंदन में बैठक की. भारत में नियुक्त अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘2020 तक सभी भारतीयों को बिजली मुहैया करने के प्रधानमंत्री मोदी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए असैन्य परमाणु समझौते को लागू करने के प्रति हम आशावादी बने रहेंगे. वहीं, रिचर्ड ने अमेरिकी सरकार के उस लक्ष्य की तरफ भी इशारा किया जिसके तहत अमेरिका अगले एक साल में दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार को 100 से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर करना चाहता है.