इस्लामाबाद : पाकिस्तान चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति पद के सबसे मजबूत उम्मीदवार के नामांकन पर सवाल उठाए जाने के बावजूद उसे स्वीकार कर लिया. विरोधियों का आरोप था कि दाढ़ी नहीं रखने के कारण वह राष्ट्रपति पद के लिए योग्य नहीं हैं.
नामांकन पत्रों की जांच के दौरान चुनाव आयोग के समक्ष यह मामला आया कि सत्तारुढ़ दल पीएमएल-एन के उम्मीदवार ममनून हुसैन दाढ़ी नहीं रखते हैं. प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार जहूर हुसैन ने मुख्य चुनाव आयुक्त के समक्ष दलील रखी की पीएमएल-एन के उम्मीदवार इस्लामी गणतंत्र के प्रमुख बनने योग्य नहीं हैं क्योंकि वह दाढ़ी नहीं रखते.
जहूर हुसैन ने कहा कि यह पैगम्बर मोहम्मद की परंपराओं का उल्लंघन है. उन्होंने दावा किया कि संविधान के अनुच्छेदों 62 और 63 के तहत प्रत्याशियों को इस्लाम की परंपराओं का पालन करना चाहिए. हालांकि चुनाव आयोग ने उनके विरोध को खारिज करते हुए ममनून हुसैन के नामांकन को सही करार दिया. 30 जुलाई को होने वाले इस चुनाव में ममनून के आसानी से जीतने की पूरी संभावना है. संसद सदस्यों और चार प्रांतीय सभाओं के सदस्यों को मिलाकर बनने वाले निर्वाचन मंडल में पीएमएल-एन को बहुमत प्राप्त है.
हालांकि विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का कहना है कि वह चुनाव की तारीख पहले किए जाने के विरोध में चुनाव का बहिष्कार करेगी. दूसरी ओर चुनाव आयोग ने पीपीपी उम्मीदवार राजा रब्बानी को नामांकनपत्र की जांच के लिए उपस्थित होने के लिए थोड़ा और समय दिया है. यदि रब्बानी जांच के लिए नहीं आते हैं तो उनका नामांकन रद्द कर दिया जाएगा.