संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने कहा है कि सीरिया में चल रहे संघर्ष में 100,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
ये संख्या क्लिक करें संयुक्त राष्ट्र के पिछले महीने जारी आंकड़ों से 7,000 ज़्यादा है.
बान अमरीकी विदेश मंत्री क्लिक करें जॉन केरी के साथ न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में बोल रहे थे.
बान और केरी ने सीरिया में चल रहे संघर्ष का तुरंत समाधान खोजने पर ज़ोर दिया. बान ने एक शांति सम्मेलन आयोजित करने के लिए नए सिरे के प्रयास करने की अपील की.
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि उसने पहले जो आंकड़े जारी किए थे वो असली संख्या से कम थे क्योंकि उसे लगता था कि कई मौतों के बारे में जानकारी नहीं दी गई थी.
हमला
संयुक्त राष्ट्र का बयान ऐसे समय आया है जब क्लिक करें सीरिया की राजधानी दमिश्क में एक कार हमले में सात लोग मारे गए हैं.
सीरिया के सरकारी मीडिया के मुताबिक़ ये हमला जरामाना उपनगरीय इलाक़े में हुआ जहां अधिकांश ईसाई और द्रूज समुदाय के लोग रहते हैं. इन लोगों को राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थक माना जाता है.
एएफपी के अनुसार बान ने कहा, “दोनों पक्षों को सैन्य और हिंसक कार्रवाई बंद करनी चाहिए. ये जरूरी है कि जिनीवा में जल्दी से जल्दी एक शांति सम्मेलन आयोजित किया जाए.”
सीरिया में शांति कायम करने के लिए सम्मेलन आयोजित कराने के प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय ताक़तों खासकर क्लिक करें अमरीका और क्लिक करें रूस के बीच मतभेदों के कारण देरी हुई है. इस बात पर भी संदेह है कि इसमें सीरिया के सभी पक्ष हिस्सा लेंगे या नहीं.
"दोनों पक्षों को सैन्य और हिंसक कार्रवाई बंद करनी चाहिए. ये जरूरी है कि जेनेवा में जल्दी से जल्दी एक शांति सम्मेलन आयोजित किया जाए"
बान की मून
हालांकि केरी ने कहा कि उन्होंने रूस के विदेशमंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बुधवार को बात की थी और दोनों देश सम्मेलन कराने के लिए कृतसंकल्प हैं.
ताक़त
बान ने कहा कि वो और सीरिया में संयुक्त राष्ट्र और अरब लीग के विशेष दूत लख़दर ब्राहिमी इस सम्मेलन को आयोजित कराने के लिए पूरी ताक़त लगाएंगे.
ब्रिटेन से संचालित मानवाधिकार संगठन सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमैन राइट्स ने दावा किया है कि दस जुलाई को रमज़ान शुरू होने के बाद से सीरिया में 2000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
संगठन ने कहा है कि इस दौरान मारे गए लोगों में अधिकांश दोनों तरफ के लड़ाके थे. इस दौरान 639 आम नागरिकों की मौत हुई जिनमें 99 बच्चे और 99 महिलाएं थीं.
संगठन का साथ ही कहा है कि उसके आंकड़े असली संख्या से कम हैं क्योंकि दोनों पक्षों ने मारे गए लोगों की सही संख्या का खुलासा नहीं किया है.
बीबीसी