काहिरा: मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को दोषी करार दिये जाने से जुडे आखिरी बचे मामले को आज अदालत ने पलट दिया और रिश्वतखोरी के एक मामले में फिर से मुकदमे का आदेश दिया जिससे नाटकीय तरीके से जेल से उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो सकता है.
86 वर्षीय मुबारक को निजी खर्चों के लिए सरकार से 1.4 करोड डॉलर का बिल धोखाधडी से वसूलने का दोषी पाये जाने के बाद पिछले साल मई में तीन साल कैद की सजा सुनाई गयी थी. लेकिन अपीली अदालत ने पाया कि कानूनी प्रक्रिया का उचित तरीके से पालन नहीं किया गया.
यह आखिरी मामला बचा है जिसमें मुबारक सलाखों के पीछे हैं. सैकडों प्रदर्शनकारियों की हत्या करने की साजिश रचने के आरोप पिछले साल नवंबर में वापस ले लिये गये थे. प्रदर्शनों के चलते 2011 में उनके करीब तीन दशक लंबे शासन का अंत हो गया.
भ्रष्टाचार के उक्त मामले में मुबारक के दो बेटों 53 वर्षीय आला और 51 वर्षीय गमाल को चार साल कैद की सजा सुनाई गयी थी. उन पर सामूहिक रुप से 12.5 करोड मिस्र पाउंड का जुर्माना लगाया गया और उन्हें 2.1 करोड मिस्र पाउंड लौटाने होंगे.
पूर्व राष्ट्रपति और उनके बेटों को भ्रष्टाचार के दो अलग मामलों में बरी कर दिया गया. मिस्र की शीर्ष अपीली अदालत ने ऐलान किया कि उसने धोखाधडी के मामले में तीनों को दोषी करार देने के फैसले को पटल दिया और आज सुबह फिर से सुनवाई का आदेश दिया.
अदालत ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसके फैसले के बाद मुबारक रिहा होंगे या नहीं.