इस्लामाबाद: क्या अमेरिकी पायलटों ने पाकिस्तान में वर्ष 2010 में बाढ़ राहत अभियानों के दौरान ऐबटाबाद की टोह ली थी जिसका इस्तेमाल ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए चलाए गए गुप्त अभियान में किया गया? अल कायदा के पूर्व प्रमुख की देश में मौजूदगी की जांच का पता लगाने में जुटे पाकिस्तानी आयोग का मानना है कि यह एक दूरस्थ संभावना हो सकती है.अल जजीरा चैनल द्वारा लीक की गयी रिपोर्ट में आयोग ने कहा है कि उस क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना की कोई मौजूदगी नहीं थी जिस हवाई क्षेत्र से अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान में प्रवेश किया और 2 मई 2011 को ऐबटाबाद की ओर उड़ान भरी जहां उन्होंने फरार आतंकवादी को मार गिराया.सीमा पर सेना चौकियों के बीच दूरी करीब 32 किलोमीटर थी.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कुछ अमेरिकी पायलटों को प्रत्यक्ष या परोक्ष रुप से अगस्त अक्तूबर 2010 के अमेरिकी बाढ़ राहत हवाई अभियानों से मदद मिली. यह गौर करने लायक बात है कि इस अवधि के दौरान ( अगस्त अक्तूबर 2010 ) अमेरिकियों ने लादेन के करीबी इब्राहिम और अबरार की गतिविधियों पर नजर रखकर ऐबटाबाद के ओबीएल परिसर में लादेन के घर की पहचान भी की.’’ अबरार, ओसामा के संदेशवाहक इब्राहिम सईद अहमद का भाई था.
तत्कालीन पाकिस्तानी डिप्टी चीफ आफ एयर स्टाफ के अनुसार, ‘‘ ऐसी संभावना थी कि उनके ( अमेरिका ) कुछ पायलटों ने 2010 के बाढ़ राहत अभियानों के दौरान इस इलाके के उपर से उड़ान भरी हो.’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकियों ने इस इलाके में कई महीनों तक उड़ान भरी थी. इस बात पर भी गौर किया गया है कि बाढ़ राहत अभियानों के दौरान अमेरिकी पायलटों के साथ हमेशा पाकिस्तानी पायलट होते थे. ‘‘लेकिन इसके बावजूद इन उड़ानों से अमेरिकियों को दुर्गम रास्तों के बारे में सूचना एकत्र करने में मदद मिली होगी जिनका बाद में ऐबटाबाद में छापा मारने की योजना बनाने में काफी महत्व रहा.’’