संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के वर्तमान स्वरूप को आज के अनुरूप गंभीर रूप से अक्षम बताते हुये अगले साल यानि 2015 तक इस शक्तिशाली संस्था के स्वरूप में सुधार लाने की जरुरत पर बल दिया है.
भारत ने कहा है कि इसके सुधार और विस्तार के बारे में वास्तविक वार्ता शुरु करने के लिए एक मसौदा पेश किया जाना चाहिए. भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र में बोलते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद् के वर्तमान स्वरूप में सुधार नहीं होने की वजह से इसके कामकाज में कमियां महसूस हो रही हैं. इस कमियों का उल्लेख करते हुए मुखर्जी ने कहा कि यहां तक कि यह 15 सदस्यीय संस्था अपने मूल उद्देश्य को पूरा करने के मामले तक में विश्वास के साथ कदम उठाने में सक्षम नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी प्रकृति प्रतिनिधित्व आधारित नहीं है.