मोस्को : विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज पाकिस्तान से बर्बर हमले के बाद लाहौर के एक अस्पताल में भर्ती भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की रिहाई की भारतीय अपील पर ‘गंभीरता से’ विचार करने को कहा.
खुर्शीद ने यहां कहा कि हम उन्हें (सरबजीत को) भारत वापस लाने को लेकर चिन्तित हैं. हम इस मुद्दे को बार बार उठा रहे हैं. हमने इस मामले को लेकर कूटनीतिक स्तर पर हरसंभव प्रयास किया.
खुर्शीद रुस के उपप्रधानमंत्री दमित्री रोगोजिन के साथ व्यापारिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक सहयोग से संबंधित भारत रुस अंतर सरकारी आयोग की बैठक की सहअध्यक्षता करने के लिए रुस आए हैं.
सिंह के परिवार के गुस्से को साझा करते हुए खुर्शीद ने पाकिस्तान से कैदी की रिहाई की भारतीय अपील को ‘गंभीरता’ से लेने का अनुरोध किया.
सरबजीत पर शुक्रवार को कोटलखपत जेल में छह अन्य कैदियों ने हमला कर दिया था जिससे उनके सिर में फ्रेक्चर सहित कई चोटें लगी थीं. डाक्टरों ने कहा है कि उनके बचने की संभावना कम है.
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हाल की त्रसदीपूर्ण घटनाओं और मौजूदा हालात के मददेनजर हम एक बार फिर पाकिस्तान सरकार से अपील करते हैं कि वह सहानुभूतिपूर्ण और मानवीय रवैया अपनाये और सरबजीत सिंह को रिहा कर दे.
मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी लाहौर स्थित जिन्ना अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों के लगातार संपर्क में बने हुए हैं और हम सरबजीत सिंह को भारत लाने के विकल्प पर भी विचार करेंगे ताकि उन्हें यहां उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकीय इलाज का लाभ मिले.
भारत ने दोहराया कि सरबजीत पर हमले की विस्तृत जांच होनी चाहिए ताकि जिम्मेदार लोगों की पहचान हो और सुनिश्चित हो कि उन्हें सजा मिले. सरबजीत मामले से सरकार के निबटने को लेकर विपक्ष की आलोचना पर खुर्शीद ने कहा कि हमारे लिए यह मामला एक राष्ट्र के तौर पर महत्वपूर्ण है.
मेरे लिए यह तुच्छ आलोचना की तरह है. एक राष्ट्र के तौर पर हमें एक स्वर में बोलने की आवश्यकता है. हमें क्या करना चाहिए, इसे लेकर अगर कोई ठोस सुझाव होगा तो हम इसे अपनाने में बहुत खुशी महसूस करेंगे.