लंदन: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पश्चिम अफ्रीका में इबोला विषाणु के प्रसार को शुक्रवार को एक अंतरराष्ट्रीय जन स्वास्थ्य आपात घोषित किया जिसे लेकर इसे रोकने के लिए असाधारण प्रतिक्रिया की जरुरत है.
इबोला विषाणु का यह सर्वाधिक व्यापक प्रसार है जिसमें मृत्यु दर करीब 50 फीसदी है और इससे अभी तक कम से कम 932 लोगों की मौत हो चुकी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वाइन फ्लू के लिए 2009 में और पोलियो के लिए मई में ऐसी आपात स्थिति की घोषणा की थीं.डब्ल्यूएचओ प्रमुख डॉ मार्गरेट चान ने बताया कि यह घोषणा अंतरराष्ट्रीय भाईचारे के लिए एक स्पष्ट अपील है हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कई देशों में इबोला के मामले शायद नहीं होंगे.
चान ने बताया कि जो देश फिलहाल इससे प्रभावित हैं वहां इस स्तर के विषाणु प्रसार को रोकने की क्षमता नहीं है. मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से यथासंभव फौरी आधार पर यह सहायता मुहैया करने का अनुरोध करती हूं.इबोला विषाणु का मौजूदा प्रसार मार्च में गिनी में शुरु हुआ और तब से यह सियरा लियोन और लाइबेरिया में फैल चुका है. इबोला के लिए उपचार या टीका नहीं है.
डब्ल्यूएचओ किसी यात्रा प्रतिबंध की सिफारिश नहीं कर सकता लेकिन इसने कहा है कि इबोला विषाणु से ग्रसित रोगियों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा नहीं करनी चाहिए.