अमेरिकी विमानों ने लेजर निर्देशित बम इरबिल पर दागे
वाशिंगटन : अमेरिका ने इराक में इसलामी उग्रवादियों के नियंत्रणवाले क्षेत्रों में हवाई हमले किये. उसने उग्रवादियों को इरबिल की ओर आगे बढ़ने से रोकने के प्रयास के तहत लेजर निर्देशित बम उसके तोपों पर बरसाये. इरबिल में ही अमेरिकी राजनयिक फंसे हुए हैं.
पेंटागन का कहना है कि अमरीकी ड्रोन विमानों ने चरमपंथियों के मोर्टार ठिकानों को निशाना बनाया है और इसमें कुछ चरमपंथी मारे भी गए हैं.इराक़ के शहर इरबिल के निकट अमरीकी ड्रोन और मानव रहित लड़ाकू विमानों ने कुछ ठिकानों की पहचान करने के बाद उन्हें निशाना बनाया है.
गुरुवार की रात राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषणा की थी कि उन्होंने आइएसआइएल के विरुद्ध लक्ष्यसाध्य सैन्य हमले का आदेश दिया था. सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी विमानों ने करीब 500 पाउंड्स के बम गिराये.
पूरी तरह नेस्तनाबूत कर दें : अमेरिकी हस्तक्षेप को पूरी तरह से सही करार देते हुए ओबामा ने कहा कि आइएसआइएस ने अल्पसंख्यक समुदाय ईसाईयों को पूरी तरह नेस्तनाबूद करने की घोषणा की है.
गौरतलब है कि आइएसआइएस के लड़ाकों ने गुरुवार को इसाई बहुल शहर काराकश पर कब्जा कर लिया, जहां से हजारों लोग जान बचाकर भागे हैं. कुर्दिश प्रांत में इसलामिक स्टेट की पैरवी करनेवाले आतंकवादी भारी बढ़त बना चुके हैं.
‘‘इराक के हालात काफी चिंताजनक हैं. वहां शांति स्थापित होनी चाहिए. दुनिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि स्थापित हो? इस पर हम सभी को विचार करना होगा.
– नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
बम गिराने जा रहा एफए/18 विमान
कार्रवाई के कारणों को गिनाया
टेलीविजन पर अपने नौ मिनट के भाषण में ओबामा ने अपने इस फैसले के कारणों के बारे में बताया और कहा कि जमीन पर अमेरिकी सेना नहीं उतरेगी. उन्होंने कहा कि अमेरिकियों और हजारों निदरेष नागरिकों का जीवन खतरे में हो तो अमेरिका कार्रवाई करेगा. रिपोर्ट के अनुसार, आइएसआइएस के आतंक से पलायन करनेवाले हजारों ईसाईयों के परिवार पहाड़ पर बिना भोजन और पानी के फंसे हुए हैं.
अमेरिका राष्ट्रपति ने कहा कि उस पहाड़ पर संभावित नरसंहार रोकने के लिए हम जवाबदेही और सावधानी के साथ कार्रवाई कर सकते हैं. इसके साथ ही ओबामा ने कहा कि अमेरिका किसी भी हाल में एक और युद्ध में घसीटा जाना नहीं चाहेगा, लेकिन आंखें बंद नहीं कर सकते.