काठमांडो: नेपाल के सीपीएन-माओवादी नेता प्रचंड ने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और विश्वास जताया कि भारत-नेपाल संबंधों का एक नया अध्याय शुरु हो गया है.करीब एक दशक तक सशस्त्र विद्रोह की अगुवाई करने के बाद सात वर्ष पहले सक्रिय राजनीति में उतरे प्रचंड के अनुसार उन्होंने मोदी को जहनी तौर पर नेपाल में आर्थिक प्रगति और शांति प्रक्रिया का समर्थन करने के बारे में ‘‘बहुत स्पष्ट’’ पाया.
भारत के आलोचक रहे नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने मोदी के साथ मुलाकात के बाद कहा, ‘‘हमारी बैठक बहुत सार्थक रही. भारत और नेपाल के रिश्तों में एक नई पहल शुरु हुई है. यह सचमुच ऐतिहासिक है.’’ दोनो नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की मौजूदा स्थिति और भविष्य के बारे में विचार विमर्श किया.
शांति प्रक्रिया और संविधान निर्माण की प्रक्रिया के लिहाज से इसे नेपाल के लिए परिवर्तन का एक बहुत नाजुक दौर करार देते हुए प्रचंड ने कहा कि यह प्रक्रियाएं जल्द से जल्द सफलतापूर्वक पूरी होनी चाहिएं.प्रचंड का वास्तविक नाम पुष्म कमल दहल है. उन्होंने कहा, ‘‘मोदीजी ने संविधान निर्माण में सहयोग के प्रति स्पष्ट प्रतिबद्धता जताई..वह नेपाल की आर्थिक संपन्नता और राजनीतिक स्थिरता में समर्थन देने के लिए जहनी तौर पर एकदम स्पष्ट हैं. एक नया अध्याय शुरु हुआ है. यह सचमुच ऐतिहासिक है.’’
प्रचंड ने मोदी की नेपाल यात्रा के दूसरे दिन उनसे मुलाकात की. मोदी 17 साल बाद पहले भारतीय प्रधानमंत्री के तौर पर नेपाल आए हैं.संविधान सभा में मोदी के कल के संबोधन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रचंड ने उनके भाषण को ‘‘भावपूर्ण’’ बताकर उसकी सराहना की और कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में एक नये अध्याय की शुरुआत देख रहे हैं.
प्रचंड ने कहा कि मोदी जिस तरह से बोले उससे पता चलता है कि वह नेपाल की शांति प्रक्रिया के उतार चढाव से पूरी तरह वाकिफ हैं.मोदी के 45 मिनट के भाषण पर टिप्पणी करते हुए प्रचंड ने कहा, ‘‘उनका भाषण बहुत भावुक और उत्प्रेरक था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत-नेपाल संबंधों में एक नया अध्याय शुरु होने वाला है.
60 वर्षीय नेता ने कुछ वर्ष पहले सेना प्रमुख को पद से हटाने के कारण उपजे विवाद के चलते प्रधानमंत्री पद छोड दिया था.