इस्लामाबाद: कराची हवाई अड्डे पर तालिबान के नापाक हमले के बाद पाकिस्तान की सेना और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सुरक्षा सहयोगियों ने आतंकवाद को कडाई से कुचल डालने के लिए उनके सामने कई विकल्प पेश किए हैं.
डॉन की खबर है कि कराची हवाई अड्डे पर हमले के बाद शरीफ ने कल अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टीम के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की.एक सूत्र ने दावा किया कि सेना ने तालिबान के आतंकवादी हमले पर कडा जवाब देने की मांग रखी। सेना का मानना था कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने अहम स्थानों पर हमलों की जिम्मेदारी फिर लेनी शुरु कर दी है और इस तरह वह हदें पार कर रहा है. अधिकारी यह कहने को तैयार नहीं थे कि सरकार ज्यादा दंडात्मक हमले की सेना की मांग पर राजी हुई या नहीं.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रहे हैं और अंतिम निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक में लिया जा सकता है जो इस सप्ताह बाद में या अगले सप्ताह हो सकती है. ’’प्रधानमंत्री कार्यालय के संक्षिप्त बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक में संघशासित जनजातीय क्षेत्रों (एफएटीए), कराची और बलूचिस्तान समेत आंतरिक और क्षेत्रीय सुरक्षा से जुडे मामलों पर चर्चा हुई.’’ इस बैठक में जो लोग शामिल हुए, उनमें गृहमंत्री चौधरी निसवार अली खान, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल रहीन शरीफ, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल इशफाक नदीम अहमद और आईएसआई में काउंटर इंटेलीजेंस प्रमुख मेजर जनरल नसीर दिलावर शाह शामिल थे.
बैठक में हाल की घटनाओं पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों की प्राथमिक जांच पर आधारित रिपोर्ट की भी समीक्षा की गयी. इसी बीच, पाकिस्तानी तालिबान के लिए लड रहे उज्बेक आतंकवादियों ने कहा कि उन्होंने ही कराची के जिन्ना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रविवार को हमला किया था. इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान ने काली पगडी वाले दस व्यक्तियों की तस्वीरें जारी की है. इन व्यक्तियों के हाथों में ए के 47 हैं तथा वे सैन्य हवाई हमले का बदला लेने की बात कही है.हवाई अड्डे पर रविवार के हमले में 10 आतंकवादियों समेत कम से कम 37 लोग मारे गए। बंदूकधारियों के डीएनए परीक्षण कराए जा रहे हैं और अधिकारियों का कहना है कि वे उज्बेक मूल के जान पडते हैं.