मेलबर्न : आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट को नई नरेन्द्र मोदी नीत सरकार से फौरन संपर्क साधना चाहिए तथा परमाणु सुरक्षा मानक संधि पर हस्ताक्षर करने चाहिए ताकि आस्ट्रेलिया भारत का सामरिक एवं व्यापार भागीदार बनने की अनूठी स्थिति प्राप्त कर सके। एक विशेषज्ञ संस्था ने यह बात कही है.
मेलबर्न स्थित आस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टीट्यूट (एआईआई) ने कहा, ‘‘यदि कैनबरा नई सरकार से फौरन संपर्क साध लेता है तो वह भारत का प्रमुख सामरिक एवं व्यापार भागीदार बनने की अनूठी स्थिति में आ जायेगा.’’ एआईआई ने कहा कि एबट को नई दिल्ली जल्द से जल्द पहुंचना चाहिए तथा अवसर का उपयोग परमाणु सुरक्षा मानक संधिक पर हस्ताक्षर करने के तौर पर करना चाहिए. इस संधि के लिए बातचीत काफी आगे बढ चुकी है.संस्था के अनुसार, ‘‘संधि पर हस्ताक्षर करना आकर्षक यूरेनियम बिक्री को संचालित करने के नियम तय करने से भी कहीं अधिक है : यह वर्षों के अविश्वास की समाप्ति का भी संकेत होगा जिसने द्विपक्षीय संबंधों को कमतर किया. साथ ही यह नये युग के आगमन का भी प्रतीक होगा.’’
उसने कहा, ‘‘भारत में नये निर्णायक नेतृत्व के तहत नये सुधार शुरु होने वाले है जिससे दुनिया के लिए नये अवसर खुलेंगे. ऐसे में इस अवसर का कैनबरा को लाभ उठाना चाहिए.’’एआईआई के निदेशक अमिताभ मट्टू ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों से जुडे मोदी की नकारात्मक विरासत सकारात्मक हो सकती है. यही वह कारण हो सकता है जिसके चलते मोदी अर्थव्यवस्था पर ध्यान दें और यह साबित करें कि वह अच्छा शासन दे सकते हैं.