इस्लामाबाद: अजमेर के हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए 500 पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को वीजा दिए जाने से इनकार किए जाने पर पाकिस्तान ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए आज भारतीय उप उच्चायुक्त गोपाल बाघले को तलब किया.
पाकिस्तान और भारत के धार्मिक स्थलों की यात्रा एं 1974 के एक द्विपक्षीय समझौते से संचालित होती है. भारत सरकार द्वारा वीजा देने से मना किए जाने पर पाकिस्तानी विदेश कार्यालय से जारी एक बयान में पाकिस्तान ने गंभीर नाराजगी और चिंता जताई है.इसमें कहा गया है कि पिछले एक साल में यह चौथा मौका है जब पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को वीजा देने से इनकार किया गया है. मंत्रालय ने कहा है कि यह न सिर्फ द्विपक्षीय समझौते के खिलाफ है बल्कि दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य करने की कोशिशों और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क की भावना के भी खिलाफ है.
विदेश कार्यालय के सूत्रों ने यहां बताया कि भारत ने कहा है कि चूंकि देश में आम चुनाव हो रहे हैं इसलिए श्रद्धालुओं की मेजबानी करने में मुश्किल होगी. विदेश कार्यालय की प्रवक्ता तसनीम असलम ने पीटीआई को बताया, ‘‘नई दिल्ली स्थित हमारे उच्चायोग के पास सूचना है कि श्रद्धालुओं की मेजबानी करने में राजस्थान सरकार को कोई समस्या नहीं है.’’ गौरतलब है कि हर साल सैकडों पाकिस्तानी राजस्थान के अजमेर स्थित सूफी संत की दरगाह की यात्रा करते हैं.