लाहौर: क्रिकेट की दुनिया से राजनीति में आए इमरान खान ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधान न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी की आलोचना करते हुए उनकी तुलना भारतीय अंपायरों से की है क्योंकि उन्होंने पिछले वर्ष हुए आम चुनाव के दौरान चार संसदीय क्षेत्रों में हुई कथित गडबडियों का ऑडिट करने से ‘‘इनकार’’ कर दिया था.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान ने एक भारतीय अंपायर को याद किया जिसने पूर्व क्रिकेटर के अनुसार, ‘‘अपनी टीम की जीत सुनिश्चि करने के लिए’’ भारतीय बल्लेबाज के खिलाफ उनकी अपील सुनने से मना कर दिया था.कल एक कार्यक्रम में इमरान ने कहा, ‘‘गडबडी वाले चुनाव से निर्वाचित होकर आए सांसदों के लिए समाज और अपने बीच मौजूद भ्रष्टाचार को हटाना कैसे संभव होगा ?’’ खान ने पिछले वर्ष 11 मई को हुए आम चुनाव के दौरान पंजाब प्रांत में ‘‘बडे पैमाने पर हुई गडबडी’’ के मामले में उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी.
उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया था कि जिस क्षेत्र में महज 1,500 मतदाता पंजीकृत हैं, वहां से उन्हें 8,000 वोट मिले हैं. खान ने कहा, ‘‘यदि मैं उनके स्थान पर होता तो, इस मामले में मैं सभी चुनाव अधिकारियों को जेल भेज देता.’’ ‘‘दोस्ताना’’ देशों की ओर से पाकिस्तान सरकार को मिले 1.5 अरब डॉलर कीमत के ‘‘तोहफों’’ के खिलाफ खान ने कहा, ‘‘सरकार को सम्प्रदायवाद और आस्था के आधार पर हत्याओं को बढाने के लिए 1.5 अरब डॉलर मिले हैं.’’ ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’’ अखबार के अनुसार, खान ने कहा, ‘‘हम भीख का कटोरा लिए हुए हैं लेकिन पारदर्शी तरीके से कर लगना और उच्चस्तर से भ्रष्टाचार मिटाना नहीं चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए ‘मार्शल लॉ’ विनाशकारी होगा.