मुंबई: रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि जब तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार, चीन के विदेशी मुद्रा भंडार के स्तर तक नहीं पहुंच जाता, तब तक हम यह नहीं कह सकते कि देश की अर्थव्यवस्था विदेशी झटकों से अछूती है.
उन्होंने कान्फ्रेंस कॉल के जरिए अनुसंधानकर्ताओं व विश्लेषकों को बताया, ‘‘हमारे पास काफी विदेशी मुद्रा भंडार है. अभी यह 300 अरब डालर से ज्यादा है. इसलिए सवाल उठता है कि किस बिंदु पर आप खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं.’’ ‘‘मुङो लगता है कि यदि आप केवल मुद्रा भंडार पर ध्यान दें तो वास्तव में कोई ऐसा बिंदु नहीं है जिस पर आप खुद को सुरक्षित महसूस करें.. 400, 500, 600. किसी भी स्तर पर नहीं. जब तक आप चीन का स्तर नहीं हासिल कर लेते, यह संभवत: पर्याप्त नहीं होगा.’’ राजन का बयान इस मायने में अहम है कि केंद्रीय बैंक की पारंपरिक भूमिका विदेशी मुद्रा भंडार का लक्ष्य तय करने की नहीं रही है. उनसे पूछा गया था कि क्या रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा के मौजूदा भंडार के स्तर से संतुष्ट है.
वर्ष 2013 के अंत तक चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3,660 अरब डालर रहा जो विश्व में सबसे बडा है. वहीं दूसरी ओर, भारत अब तक 322 अरब डालर से अधिक का स्तर नहीं लांघ पाया.देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 मार्च को समाप्त सप्ताह में 298.6 अरब डालर पर था. 31 मार्च को वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार 300 अरब डालर का स्तर पार कर गया. रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार के औपचारिक आंकडे कल जारी करेगा.