17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत को चिढ़ाने के लिए चीन ने ओबीओआर के तहत नेपाल के सड़क-रेल निर्माण प्रस्ताव को स्वीकारा

काठमांडो : वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) को चल रही रस्साकशी के बीच चीन ने भारत को चिढ़ाने के लिए नेपाल की ओर से इस परियोजना के तहत सड़क और रेल मार्गों के निर्माण के लिए दिये गये प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. बताया जा रहा है कि चीन अपनी अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना ओबीओआर के […]

काठमांडो : वन बेल्ट वन रोड (ओबीओआर) को चल रही रस्साकशी के बीच चीन ने भारत को चिढ़ाने के लिए नेपाल की ओर से इस परियोजना के तहत सड़क और रेल मार्गों के निर्माण के लिए दिये गये प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है. बताया जा रहा है कि चीन अपनी अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना ओबीओआर के तहत नेपाल में सड़क और रेल मार्गों के निर्माण में भारी निवेश करेगा. हालांकि, भारत ने अभी हाल ही में ओबीओआर परियोजना के तहत दक्षिण एशियाई देशों में सड़क और रेल मार्गों के निर्माण के लिए चीन की ओर से किये जा रहे प्रयासों से खुद को अलग रखने को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दिया है.

इस खबर को भी पढ़िये : मॉरीशस के साथ मिलकर चीन के ओबीओआर का जवाब देगा भारत, मगर कैसे पढ़ें…?

यहां यह बता देना भी जरूरी है कि चीन ने इस अतिमहत्वाकांक्षी परियोजना से खुद को अलग रखने की भारत की रणनीति को लेकर कूटनीतिक तौर पर ऐतराज भी जाहिर किया है. इस मामले में भारत के रुख को देखकर अभी हाल ही में चीन में संपन्न सम्मेलन के दौरान वहां की सरकारी मीडिया ने भारत को आंख दिखाने का भी काम किया है. भारत की ओर से जब इस परियोजना में भागीदारी निभाने के मामले में जब स्पष्ट तौर पर मनाही कर दी गयी, तब उसने भारत को चिढ़ाने के लिए नेपाल के प्रस्ताव को स्वीकार किया है.

इस खबर को भी पढ़िये : एशिया में अपना प्रभाव जमाने के लिए ओबीओआर को पूरा करने में जोर लगायेगा चीन : अमेरिकी खुफिया

नेपाली समाचार पत्र ‘द काठमांडो पोस्ट’ की मानें, तो वहां के परिवहन मंत्री रमेश लेखक ने अपने चीन प्रवास के दौरान अपने चीनी समकक्ष ली शियाओपेंग को यह प्रस्ताव दिया था कि नेपाल के सीमावर्ती इलाकों को सड़क और रेल नेटवर्क से जोड़ा जाये. अखबार की खबर में यह भी कहा गया है कि ली ने निवेश के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और नेपाल में बड़ी परियोजनाओं पर अपना समर्थन भी जाहिर किया है. अपने नेपाली समकक्ष लेखक से मुलाकात के दौरान ली ने कहा कि चीन की ओर से नेपाल के आर्थिक विकास को लेकर नये कदम उठाये जा चुके हैं.

गौरतलब है कि दक्षिण एशियाई देशों में अपना दबदबा कायम करने के लिए चीन रेशम मार्ग और ओबीओआर जैसी परियोजनाओं पर काम कर रहा है. उसकी इस परियोजना को लेकर पड़ोसी देश नेपाल और पाकिस्तान ने अपना समर्थन देकर चीन के लिए रास्ता साफ कर दिया है, मगर भारत ने उसकी इस महत्वाकांक्षा को भांपते हुए ओबीओआर से अलग-थलग रखने की रणनीति तैयार की है.

इसके साथ ही, भारत ने चीन को जवाब देने के लिए मॉरीशस और इंडोनेशिया के साथ मिलकर ऊर्जा के क्षेत्र में काम कर एक नयी परियोजना की शुरुआत करने की पहल शुरू कर दिया है. भारत की ओर से उठाये गये इस कदम के बाद ही चीन ने नेपाल के प्रस्ताव को स्वीकार किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें