हेग : पाकिस्तान की सैन्य अदालत की ओर से महाराष्ट्र के कुलभूषण जाधव की मौत की सजा मामले में सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत में सार्वजनिक सुनवाई शुरू हो गयी है. सुनवाई के दौरान भारत की ओर से कुलभूषण जाधव को न्याय दिलाने के लिए अपना पक्ष रखा गया. उधर, इस मामले में कुलभूषण को मौत की सजा सुनाने वाला पाकिस्तान अब भी अड़ियल रुख अख्तियार किये हुए है.
#WATCH Arguments by India before International Court of Justice in Kulbhushan Jadhav case, in The Hague, Netherlands https://t.co/1d4En7XlJU
— ANI (@ANI) May 15, 2017
सोमवार को अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत की ओर से पेश किये गये पक्ष को पाकिस्तान ने नकार दिया है. भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय अदालत में हरीश साल्वे ने अपना पक्ष रखा है. वहीं, भारत की ओर एजेंट के तौर पर काम कर रहे दीपक मित्तल ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में न्याय के लिए अपना अंतिम प्रयास करते हुए कहा कि कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान के सैन्य अदालत की ओर से लापरवाही बरती गयी है.
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भारत की ओर से दलील पेश करते हुए कुलभूषण जाधव की ओर से पाकिस्तान में वीजा के लिए आवेदन किया गया था, जो अब भी लंबित पड़ा हुआ है. भारत के दिग्गज वकीलों में शुमार हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय अदालत से कहा कि इस समय स्थिति काफी भयावह हो गयी है. यही वजह है कि हमने अंतरराष्ट्रीय अदालत के सामने न्याय की गुहार लगायी है.
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हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय अदालत को बताया कि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का ईरान से अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद सैन्य अदालत में उनके खिलाफ केस चलाया गया है. इसके बावजूद भारत का रुख सकारात्मक ही था. उन्होंने अदालत को बताया कि भारत कुलभूषण जाधव के मामले में पाकिस्तान के फैसले को रद्द कराना चाहता है.