लालू प्रसाद,
पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
कभी कुरताफाड़ होली खेलने के लिए मशहूर रहे लालू प्रसाद ने कहा है कि वे इस बार होली नहीं खेलेंगे. दरअसल, इस बार वे राजनीति में आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं. चुनाव सिर पर है और चुनौती भी भारी है. इसलिए, वह होली खेल कर अपनी तबीयत का कोई रिस्क नहीं लेना चाहते. होली लालू प्रसाद के लिए एक ऐसा अवसर होता रहा है, जिसमें सभी तबके के लोगों के साथ उन्होंने बिना किसी भेदभाव के जमकर रंग खेले हैं.
1, अणो मार्ग हो या 10, सकरुलर रोड, दोनों जगहों पर उन्होंने जम कर होली खेली है. लालू जी के साथ उनके बच्चों ने भी होली खेलने में कभी कोताही नही बरती. लालू कहते हैं होली वह बचपन से ही खेलते आये हैं. बाद के दिनों में जब राजनीतिक जिम्मेवारी कंधे पर आयी, तब भी होली खेलना जारी रखा.
कभी लालू प्रसाद के घर होली खेलने का इंतजार उनकी सरकार के मंत्रियों से लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं तक को होता था. लालू के घर होली खेलनेवाली टोली पहुंचती थी. पहले खाना-पीना होता था और फिर शुरू हो जाती थी रंगों की बौछार. होली का अंत कपड़ा फाड़ने से होता था. शायद ही कोई ऐसा शख्स रहा होगा, जो लालू के संग होली खेलने आया ओर उसके कपड़े सही-सलामत रह गये हों.
रंग खेलने में लालू का साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी देती थीं. उन दिनों दो नेता, रामकृपाल यादव और श्याम रजक, लालू के खास हुआ करते थे. आज दोनों राजद से बाहर हैं और लालू के खिलाफ आग उगल रहे हैं. पिछले दो सालों से लालू ने होली नहीं खोली है. कभी दिल्ली में होने तो कभी राजनीतिक कारणों से उन्होंने इसके लिए मना कर दिया. इस बार भी वे मना कर रहे हैं. हालांकि, होली के दिन लालूजी अपने-आप को इससे कैसे रोक पाते हैं, यह उसी दिन पता चल पायेगा.