सेंट्रल डेस्क
Advertisement
ग्लैमर का तड़का
सेंट्रल डेस्क कभी नेता आदर्श होते थे. उन्हें देखने-सुनने के लिए जनसैलाब उमड़ता था. वे निष्ठावान नेता थे, चरित्र धवल था. नेता भ्रष्टाचार, स्वार्थ में लिप्त हुए, तो प्रभावहीन होने लगे. इसलिए फिल्मी सितारों से प्रचार करवा कर भीड़ जुटाने लगे. किराये पर प्रचार करनेवाले फिल्म स्टार धीरे-धीरे राजनीति में आने लगे. दो दशक पहले […]
कभी नेता आदर्श होते थे. उन्हें देखने-सुनने के लिए जनसैलाब उमड़ता था. वे निष्ठावान नेता थे, चरित्र धवल था. नेता भ्रष्टाचार, स्वार्थ में लिप्त हुए, तो प्रभावहीन होने लगे. इसलिए फिल्मी सितारों से प्रचार करवा कर भीड़ जुटाने लगे. किराये पर प्रचार करनेवाले फिल्म स्टार धीरे-धीरे राजनीति में आने लगे. दो दशक पहले फिल्मी सांसद या विधायक कम थे. अब धड़ल्ले से पार्टियां अभिनय जगत के लोगों को टिकट दे रही हैं. इसका लाभ दलों और एक्टर को तो मिलता है, लेकिन पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता दरकिनार हो जाते हैं. पार्टी सुप्रीमो की प्राथमिकता बदलती है, तो कार्यकर्ता निष्ठा बदल लेते हैं.
चुनाव में पार्टियां अभिनेता को नेता बनाने में जुट जाती हैं. इस बार पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और ओड़िशा में भी ग्लैमर और खेल जगत की हस्तियां ताल ठोंकने के लिए तैयार हैं. यूपी में रवि किशन, नगमा, राज बब्बर कांग्रेस के टिकट पर लड़ेंगे. मनोज तिवारी भाजपा से चुनाव लड़ सकते हैं. राजू श्रीवास्तव ने सपा का टिकट लेकर लौटा दिया. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने बांग्ला फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री मुनमुन सेन को बांकुरा से उतारा, तो उसे मुफ्त में दो स्टार प्रचारक मिल गयीं. मुनमुन की दो बेटियां रीमा और राइमा सेन बॉलीवुड और टॉलीवुड की स्थापित ग्लैमरस एक्ट्रेस हैं. मां के पक्ष में जरूर प्रचार करेंगी. ऐसे में युवा और गुजरे जमाने के सिने प्रेमी तृणमूल की ओर आकर्षित होंगे. ममता बनर्जी का अपना जादू तो है ही.
भुटिया भी दार्जीलिंग से मैदान में
दूसरी ओर, ‘पागलू’, ‘चैलेंज’ और ‘चंदन पहाड़’ सहित बांग्ला फिल्मों के सुपरस्टार देव पश्चिमी मेदिनीपुर में घाटाल से ताल ठोंकेंगे. गुजरे जमाने की एक और एक्ट्रेस संध्या राय मेदिनीपुर सीट से भाग्य आजमायेंगी. फुटबॉल स्टार बाइचुंग भुटिया खेल कॅरियर खत्म होने के बाद तृणमूल के टिकट पर दार्जीलिंग से चुनाव लड़ कर अब देश सेवा करना चाहते हैं. उन्होंने वर्ष 2012 में राष्ट्रीय टीम से संन्यास ले लिया था. उन्हें गोरखा जनमुक्ति मोरचा (जीजेएम) के समर्थन का भरोसा था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. दीदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बहू के बाद नेताजी के पौत्र और हार्वर्ड के प्रोफेसर सुगत बोस को भी मैदान में उतारा है. बोस ने कहा कि उन्होंने राजनीति में आने का फैसला किया, क्योंकि वह देश में राजनीतिक बदलाव का हिस्सा बनना चाहते हैं. तृणमूल की लिस्ट में पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी प्रसून बनर्जी (हावड़ा), गायक इंद्रनील सेन (बहरमपुर), ‘भूमि’ बैंड के संस्थापक सौमित्र राय (मालदा उत्तर) और रंगमंच की जानी-मानी हस्ती अर्पिता घोष (बालूरघाट) शामिल हैं.
भाजपा भी पीछे नहीं
पश्चिम बंगाल में भाजपा भी ग्लैमर से अछूती नहीं है. जादूगर पीसी सरकार (जूनियर) को बारासात से और चरित्र भूमिकाओं के लिए मशहूर अभिनेता जार्ज बेकर को हावड़ा से उम्मीदवार बनाया है. गायक बाबुल सुप्रियो से भी भाजपा को बड़ी उम्मीदें हैं. जाने-माने संगीतकार बप्पी लाहिड़ी भी कहीं से चुनाव लड़ सकते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement