वाशिंगटन : व्हाइट हाउस ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर होने वाली बैठक को मंगलवार को स्थगित कर दिया है. बैठक में इस बारे में चर्चा होनी थी कि क्या अमेरिका को पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन के दौरान पेरिस में हुए महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समझौते से पीछे हट जाना चाहिए. व्हाइट हाउस ने कहा कि बैठक का कार्यक्रम दोबारा से निर्धारित किया जायेगा. यह दूसरी बार है जब मुद्दे पर शीर्ष सहयोगियों की बैठक विलंबित हुई है.
इसे भी पढ़ें : संयुक्त राष्ट्र की बैठक में छाया रहेगा ट्रंप का जलवायु-परिवर्तन विरोधी रुख
ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के समय अपने प्रचार अभियान में संकल्प किया था कि वह मुद्दे पर दोबारा चर्चा करेंगे, लेकिन चुनाव में जीत के बाद से वह इस मुद्दे पर हिचकिचाते रहे हैं. इसे लेकर उनके शीर्ष अधिकारियों का मत विभाजित है कि समझौते को लेकर क्या किया जाना चाहिए. समझौते के तहत अमेरिका आगामी दशकों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर सहमत हुआ था.
इसे भी पढ़ें : जलवायु परिवर्तन की समस्या मानव जाति की उपज : गोयल
अमेरिकी विदेश मंत्री रैक्स टिलरसन ने जनवरी में अपनी सीनेट पुष्टि सुनवाई में कहा था कि वह समझौते से जुड़े रहने का समर्थन करते हैं, लेकिन पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के प्रशासक स्कॉट प्रुइट ने कहा है कि पेरिस संधि ‘अमेरिका के लिए एक बुरा समझौता है’, जिससे नौकरियों पर असर पड़ेगा. वहीं, जलवायु समझौताकार पेरिस समझौते से अलग होने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बीच वार्ता के लिए बॉन लौटे.
गौरतलब है कि आठ से 18 मई तक बॉन में चलने वाली बैठक समझौते को क्रियान्वित करने के लिए दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार करने की शुरुआत के लिए है. वर्षों तक चली मुश्किल वार्ता के बाद 2015 में हुए जलवायु समझौते में वर्तमान में 196 देश शामिल हैं. ट्रंप ने समझौते से हटने की धमकी दी है.