अब उनका कहना है उनकी ज़िन्दगी अब ज़्यादा मुश्किल हो गई है. इसकी एक वजह इलाके की ग़रीबी और ईरान पर लगी आर्थिक पाबंदिया है.
कुर्द इलाक़ो में सक्रिय मानवाधिकार कार्यकर्ताओ का कहना है की पिछले साल ईरान के सरहदी गार्ड्स ने सौ से ज़्यादा स्मगलरों को मार डाला है.