नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्टार्ट-अप को राहत प्रदान करते हुए तीन साल के लिये कर छूट का लाभ लेने के लिये समय अवधि बढाकर सात साल किये जाने की बुधवार को घोषणा की. इसकी गणना कंपनी के अस्तित्व में आने के बाद पहले सात साल के लिये की जाएगी.
जेटली ने बजट भाषण में कहा कि स्टार्ट-अप के लिये लाभ से संबद्ध पांच साल में तीन साल की छूट की मियाद को बढाकर सात साल में तीन साल किया गया है. इसके तहत अब स्टार्ट-अप कंपनियां यह छूट सात साल में ले सकती हैं. स्टार्ट-अप में नुकसान को आगे बढाने के मकसद के लिये 51 प्रतिशत मतदान का अधिकार को बरकरार रखने की शर्त में छूट दी गयी है. हालांकि यह इस शर्त पर निर्भर है कि मूल प्रवर्तक : प्रवर्तकों की हिस्सेदारी बनी हुई हो. इससे स्टार्ट-अप को राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि वे परिचालन के शुरुआती कुछ साल में मुनाफा नहीं कमा पाते.
न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को हटाने के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह मैट को फिलहाल हटाने या उसमें कमी लाना व्यवहारिक नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि कंपनियों को मैट क्रेडिट का आगे के वर्षों में उपयोग की अनुमति देने के लिये मैं मैट को आगे बढाने की अवधि 10 साल से बढाकर 15 साल करने का प्रस्ताव करता हूं.’ इसके अलावा मंत्री ने 50 करोड रपये तक के कारोबार वाली छोटी कंपनियों के आयकर को कम कर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है.