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ई अहमद के बेटे-बेटी को मिलने से रोका गया

पंकज प्रियदर्शी बीबीसी संवाददाता ई अहमद के परिवार वालों को मिलने से रोकने का आरोप भारत के पूर्व विदेश राज्य मंत्री और केरल में मल्लापुरम से लोकसभा सांसद ई अहमद का बुधवार तड़के निधन हो गया है. मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के संयुक्त सत्र में जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण […]

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ई अहमद के परिवार वालों को मिलने से रोकने का आरोप

भारत के पूर्व विदेश राज्य मंत्री और केरल में मल्लापुरम से लोकसभा सांसद ई अहमद का बुधवार तड़के निधन हो गया है. मंगलवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के संयुक्त सत्र में जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का अभिभाषण चल रहा था, उसी दौरान ई अहमद को कार्डियक अरेस्ट हुआ और वे बेहोश होकर गिर गए थे.

उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ बुधवार तड़के सवा दो बजे उनका निधन हो गया. ई अहमद इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अध्यक्ष थे. 78 साल के ई अहमद केरल के मल्लापुरम सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. अहमद पेशे से वकील थे और उन्होंने विधानसभा के सदस्य को तौर पर अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी.

पूर्व विदेश राज्य मंत्री और सांसद ई अहमद का निधन

पहली बार वो 1991 में लोकसभा के लिए चुने गए थे. वो साल 2004 से 2009 के बीच मनमोहन सिंह की सरकार में विदेश राज्य मंत्री थे. उनकी पार्टी के केरल से सांसद ईटी मोहम्मद बशीर से बीबीसी ने बात की.

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राममनोहर लोहिया अस्पताल में सोनिया गांधी

मोहम्मद बशीर ने बताया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान वह बेहोश होकर गिर गए थे. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें अच्छा इलाज मिला, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ और बुधवार सुबह सवा दो बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

परिवार वालों को मिलने से रोका

लेकिन मोहम्मद बशीर अस्पताल के व्यवहार से काफ़ी दुखी नज़र आए. उन्होंने कहा कि अस्पताल ई अहमद के बारे में आधी-अधूरी सूचना दे रहा था और लोगों को उनसे मिलने तक नहीं दिया जा रहा था. बशीर ने बीबीसी से कहा, ”अहमद के परिवार वालों को अस्पताल के भीतर जाने नहीं दिया गया. इसके बाद अस्पताल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी के साथ पहुंचीं. इनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद और अहमद पटेल भी थे.”

बशीर ने बताया कि अहमद पटेल की बेटी ख़ुद डॉक्टर हैं और उन्हें भी अस्पताल प्रशासन ने अंदर नहीं जाने दिया. बशीर ने कहा कि उनकी बेटी फौज़िया घंटों अस्पताल के बाहर इंतज़ार करती रहीं, लेकिन अंदर नहीं जाने दिया गया.

उन्होंने कहा कि अस्पताल का व्यवहार पूरी तरह से अप्रत्याशित और अमानवीय था. बशीर ने कहा कि अहमद को लेकर अस्पताल ने परिवार वालों के साथ भी गोपनीयता रखी. उन्होंने कहा कि फौज़िया को अपने पिता को देखने का पूरा हक़ था.

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राममनोहर लोहिया अस्पताल में ई अहमद का निधन

अंतरराष्ट्रीय राजनीति की समझ

अपने नेता को याद करते हुए मोहम्मद बशीर ने बताया कि ई अहमद काफ़ी लोकप्रिय नेता थे. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके ताल्लुकात बहुत अच्छे थे. उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण पद उन्हें उस समय मिला था, जब उन्हें विदेश राज्य मंत्री बनाया गया था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई नेताओं से उनकी मित्रता थी. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में कई बार भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया था. वे अच्छे लेखक और वक्ता थे. राजयनिक मामलों की उनकी बहुत अच्छी समझ थी. उनकी दोस्ती का दायरा बहुत बड़ा था.

आम बजट पेश होगा?

तो क्या ई अहमद के निधन से बुधवार को जो आम बजट पेश किया जाना है उसे स्थगित कर दिया जाएगा? मोहम्मद बशीर ने कहा, ”अभी तक तो यही परंपरा रही है कि अगर किसी मौजूदा सांसद का निधन होता है, तो सदन की कार्यवाही नहीं होती. मैं नहीं जानता कि सरकार क्या करेगी, लेकिन इसकी कोई वजह नहीं कि सरकार परंपरा से हटकर काम करे. ऐसा करके सदन अपने सदस्य को याद करता है.

तो फ़िलहाल इस पर सवाल है कि आज बजट पेश होगा या नहीं. वैसे देखा जाए तो जैसी परंपरा रही है, श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो जाती है.

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