इस्लामाबाद : जमात-उद्-दावा प्रमुख और लश्कर सरगना हाफिज़ सईद को छह महीने के लिए नजरबंद कर लिया गया जिसके बाद उसके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की मीडिया ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की नजरबंदी से भारत-पाक के बीच के तनाव में कमी आने की उम्मीद व्यक्त की है.
इधर मुंबई हमले के मास्टर माइंड के समर्थकों ने सरकार के इस फैसले को भारत और अमेरिका के दबाव में लिया गया फैसला बताते हुए बडे शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. सईद को सोमवार को उसके लाहौर स्थित मुख्यालय पर नजरबंद किया गया था. उसे उसके आवास पर स्थानांतरित कर दिया गया और पंजाब प्रांत में अधिकारियों ने इसे उप-जेल घोषित कर दिया है.
प्रांतीय अधिकारियों ने लाहौर की सडकों से जमात-उद-दावा के बैनर हटाने भी शुरू कर दिए हैं. प्रांतीय गृह विभाग के आदेश पर जमात-उद-दावा के दफ्तरों पर पार्टी के झंडों के बजाय राष्ट्रीय झंडे फहराए गए हैं. सईद को उसके घर में ही नजरबंद कर दिए जाने पर उसके समर्थकों ने इस्लामाबाद, लाहौर और कराची जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा, ‘‘हाफिज सईद की नजरबंदी परमाणु क्षमता से संपन्न शत्रुओं पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव कम कर सकती है. हालांक नई दिल्ली ने अब तक इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.’ एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि वर्ष 2008 का मुंबई हमला पाकिस्तान और भारत को युद्ध के कगार पर ले आया था. उस हमले में 10 बंदूकधारियों ने दो भव्य होटलों, एक यहूदी केंद्र और एक रेलवे स्टेशन पर हमला बोलकर 166 लोगों को मार डाला था. सईद ने हमले में किसी भी भूमिका से इनकार किया और जमात-उद-दावा के संचालन के दौरान खुद को लश्कर-ए-तैयबा से दूर रखा है.