राज्य में जेंडर बजटिंग की प्रक्रिया शुरू नहीं
रांची : झारखंड में जेंडर बजटिंग की प्रक्रिया अभी तक की शुरू नहीं हो पायी है. केंद्र की इस योजना के तहत महिला सशक्तीकरण और विकास के लिए कुल बजट प्रावधान का कम से कम 15 फीसदी उपबंध किया जाना अनिवार्य है. बिहार, राजस्थान और कर्नाटक में जेंडर बजटिंग की प्रक्रिया काफी पहले से शुरू है. इसका लाभ वहां की महिलाओं को मिल रहा है.
झारखंड सरकार ने 2014-15 में 50,300 करोड़ रुपये से अधिक का बजट विधानसभा पटल पर रखा है, पर जेंडर बजटिंग की प्रणाली विभागों में नहीं अपनायी गयी है. सरकार के बजट में सिर्फ समाज कल्याण, महिला और बाल विकास विभाग का बजट 1429 करोड़ रुपये तय किया गया है. इसी विभाग के तहत महिला सशक्तीकरण, बालिकाओं की स्थिति सुधारने और पोषाहार से जुड़े कार्य किये जाते हैं.
बिहार: योजना आकार का 15 प्रतिशत बजटिंग पर
बिहार में वर्ष 2008-09 से जेंडर बजटिंग की प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसके तहत 10 विभागों को जेंडर सेंसिटिव बजट तैयार करने की जिम्मेवारी दी गयी थी. सभी संबंधित विभागों को योजना आकार का 15 फीसदी हिस्सा जेंडर बजटिंग में उपबंध करने का निर्देश दिया गया था. 2011-12 तक अधिकतर विभागों में इसका प्रावधान किया गया. इसमें समाज कल्याण, अनुसूचित जाति और जनजाति कल्याण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण, मानव संसाधन, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, नगर विकास एवं आवास, पंचायती राज, श्रम संसाधन, योजना एवं विकास, पिछड़ा और अति पिछड़ा कल्याण, राजस्व एवं भूमि सुधार, कला संस्कृति एवं खेलकूद, उद्योग और वित्त विभाग शामिल है. ये सभी विभाग महिलाओं की आर्थिक सामाजिक स्थिति सुधारने के लिए बजट में विशेष प्रावधान कर रहे थे.
11वीं पंचवर्षीय योजना में जेंडर बजटिंग स्कीम
केंद्र सरकार ने 2011 की जनगणना के आधार पर पुरुषों की तुलना में महिलाओं की स्थिति खराब होने को लेकर यह स्कीम शुरू की थी. महिलाओं को समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए जेंडर बजटिंग को बढ़ावा दिया गया था. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए 2007 में एनआइपीएफपी की ओर से स्टडी की गयी थी.