बिजली पैदा करने का एकमात्र तरीका सूर्य की रोशनी से हासिल ऊर्जा ही नहीं है, जिसे हम जरूरत के मुताबिक पैदा कर सकते हैं. रासायनिक ईंधनों के निर्माण में सूर्य भी कई प्रतिक्रियाओं को अंजाम देता है, जैसे हाइड्रोजन, जिसका इस्तेमाल पावर कारों, ट्रकों और ट्रेनों में हो सक ता है. वैज्ञानिक कुछ इस तरह की तकनीक को विकसित करने में जुटे हैं, ताकि हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैसों के इस्तेमाल से व्यापक तादाद में ईंधन पैदा की जा सके.
‘साइंस डेली’ के मुताबिक, इस प्रकार के सोलर ईंधन के निर्माण में सबसे ज्यादा दिक्कत उत्पादन की अधिक लागत है. बताया गया है कि मौजूदा तकनीक से इस तरह के ईंधन को बनाना काफी खर्चीला है. इस शोधकार्य को अंजाम देनेवाले यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉनसिन-मेडिसन में केमिस्ट्री के प्रोफेसर क्योंग-शिन चोइ के हवाले से बताया गया है कि सोलर ईंधन के उत्पादन से पहले हमें कारोबारी तौर पर विकसित उपकरणों का निर्माण करना होगा. साथ ही, इस ईंधन के बनाये जाने में आने वाली लागत को भी कम करना होगा.