कराची : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह प्रमुख एवं पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के 18 साल के स्व निर्वासन के बाद देश लौटने के साथ अर्द्धसैनिक बल पाकिस्तान रेंजर्स ने छापेमारी की तथा जरदारी के एक करीबी सहयोगी के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया.
राजनीतिक विश्लेषक जरदारी के शुक्रवार को देश लौटने के कुछ ही घंटों बाद व्यवसायी अनवर मजीद (जो अब भी फरार हैं) के कार्यालय एवं घर पर की गयी छापेमारी को सत्ता प्रतिष्ठान द्वारा जरदारी को राजनीति से दूर रहने के एक संदेश के तौर पर देख रहे हैं. जरदारी के कई दूसरे करीबी सहयोगी भ्रष्टाचार एवं आतंकवाद में मदद करने के कई मामलों में जेल में बंद है. उनमें पूर्व पेट्रोलियम मंत्री एवं व्यवसायी डॉ अिशिम हुसैन शामिल हैं.
जरदारी आज एक हृदय रोग अस्पताल गए जहां वे डा.हुसैन से मिले. राजनीतिक विश्लेषक निगार जाफरी ने कहा, ‘‘रेंजर्स ने उसी दिन छापेमारी की जिस दिन जरदारी लौटे. इससे पता चलता है कि कई ताकतवर लॉबी उन्हें देश में देखना नहीं चाहतीं.”
एक दूसरे विश्लेषक ने कहा, ‘‘कई मामले एवं मुद्दे लंबित हैं. जिनमें उनके करीबी सहयोगी व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपी हैं और कुछ हिरासत में बंद हैं, इसलिए मूल रूप से यह उन्हें दुबई वापस लौटने के लिए दिया गया एक संदेश है.” देश के संस्थापक कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती पर आज उनके मकबरे पहुंचे जरदारी हालांकि शांत चित्त दिखे. उन्होंने मीडिया से कहा , ‘‘हां, अनवर मजीद मेरे मित्र हैं लेकिन क्यों रेंजरों ने उनके कार्यालय में छापा मारा यह आप गृह मंत्री से पूछिये.” उन्होंने कहा कि वह आशिम के खिलाफ मामलों से भी अलग रहे हैं.
जरदारी ने कहा , ‘‘मैंने पहले भी कहा है कि ये आरोप राजनीतिक प्रताड़ना के तहत लगाये गये हैं.” दिलचस्प बात यह रही कि जरदारी की वापसी को उनकी पार्टी पीपीपी ने जोशोखरोस से नहीं मनाया और बजाय हवाईअड्डे से मोटर काफिले में अपने बेटे बिलावल भुट्टो के आवास जाने के पूर्र्व राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों ने वहां से एक हेलीकाप्टर में जाने का विकल्प चुना. इससे यह अटकल लगी कि उनकी जान को खतरा है.