इस्लामाबाद : 8 नवंबर को भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो बड़े करेंसी 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों के चलन पर अचानक रोक लगा दी. इसकी जगह पर सरकार ने 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोट बाजार में उतारे. नरेंद्र मोदी के इसी फैसले से प्रेरणा लेते हुए पाकिस्तान ने भी अपने सबसे बड़े करेंसी 5000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला किया है. पाकिस्तान की सीनेट ने काले धन के प्रवाह को रोकने के लिए एक चरणबद्ध तरीके से 5,000 रुपये के नोट का चलन बंद करने की मांग करने का एक प्रस्ताव सोमवार को पारित कर दिया.
भारत में 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद किये जाने के करीब 40 से अधिक दिनों के बाद भी जनजीवन सामान्य नहीं हो पाया है. लोगों के पास कैश की किल्लत अभी भी बरकरार है. एटीएम और बैंकों के बाहर लंबी कतारे आज भी देखने को मिल रही है. पाकिस्तान के सीनेट सदस्य पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता सैफुल्ला खान ने प्रस्ताव पेश किया जिसे उपरी सदन में सांसदों ने बहुमत से पारित कर दिया.
डॉन अखबार में छपी खबर के अनुसार प्रस्ताव में कहा गया कि 5,000 रुपये के नोट का चलन बंद करने से बैंक खाते के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा और बिना हिसाब-किताब वाली अर्थव्यवस्था का आकार घटाने में मदद मिलेगी. प्रस्ताव के अनुसार 5,000 के नोट का चलन बंद करने का काम तीन से पांच साल में होना चाहिए ताकि बाजार से नोट हटाये जा सके और लोगों को ज्यादा परेशानियों का सामना भी नहीं करना पड़े कानून मंत्री जाहिद हमीद ने कहा इस समय देश में 3.4 खरब नोटों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें से 1.02 खरब 5,000 रुपये के नोट में हैं.
आपको बता दें कि इसी महीने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने देश की सबसे बड़ी करेंसी 100 बोलिवर के नोट को बंद करने के लिए आपात आदेश जारी किये थे लेकिन विरोध बढ़ने के बाद देश में बड़े नोटों को चलन से हटाने का फैसला दो जनवरी तक टाल दिया है. वेनेजुएला की मुद्रास्फीति विश्व में सबसे तेज है.