।। दक्षा वैदकर ।।
हम सभी फूड पॉइजनिंग को लेकर बहुत डरे रहते हैं. सड़क किनारे खाने से डरते हैं. ज्यादा दिन पुराना खाना खाने से बचते हैं. चिंता करते हैं कि खाना सफाई से बनाया गया है या नहीं? जब हम अपने शरीर को जहरीले खाने से बचाने के लिए इतना ध्यान रखते हैं, तो अपनी सोच को जहरीला खाना कैसे दे सकते हैं.
मोटिवेशनल स्पीकर हिमेश कहते हैं कि हमें जितना नुकसान जहरीला खाना पहुंचाता है, उतना ही नुकसान जहरीली सोच भी पहुंचाती है. यह जहरीली सोच धीरे-धीरे हमारी पूरी पर्सनालिटी को खराब कर देती है. इसकी वजह से हमें तरक्की नहीं मिलती, हमारी सोच नकारात्मक हो जाती है, रिश्ते भी बिगड़ते जाते हैं. अगर आपको यह पता लगाना है कि आपको कहीं दिमाग की फूड पॉइजनिंग तो नहीं हो गयी? इन चार चीजों की जांच करें.
पहली चीज – क्या आप लोगों के बारे में नेगेटिव बातें करते हैं? ‘यार, मेरा बॉस मेरी हर चीज में बुराई निकालता है. वह दरअसल मुझसे जलता है. अरे, उस निखिल को तो कुछ भी नहीं आता. उसकी पत्नी भी उससे बहुत परेशान है.’ इस तरह की बातें करना दर्शाता है कि आप लोगों के नेगेटिव साइड को देखते हैं. यह चीज आपकी समाज में छवि खराब करती है.
दूसरी चीज – क्या आप अफवाहें फैलाते हैं? सुनी सुनायी बातों को फैला तो नहीं रहे? बिना तथ्यों व सच्चई को जाने अगर आप किसी के बारे में कुछ बोलते हैं, तो आप अपने कीमती पलों को बरबाद कर रहे हैं.
तीसरी चीज – आपको किसी के साथ घटी बुरी घटना को सुन कर मजा आता है या चिंता होती है? अगर किसी के तलाक की खबर, हसबैंड-वाइफ के झगड़े की खबर, ऑफिस में किसी को डांट पड़ने की खबर सुन कर आपको सहानुभूति होती है, तो आप स्वस्थ हैं. लेकिन अगर आपको सुकून मिलता है, मजा आता है, तो दिमाग में जहर फैल चुका है.
चौथी चीज – क्या आप किसी का राज पेट में रख सकते हैं? आपको किसी ने कुछ बताया और कहा कि प्लीज किसी को मत बताना, तो क्या आप उसे खुद तक सीमित रखते हैं? यदि आप उसे किसी को बता देते हैं, तो आपकी सोच जहरीली हो चुकी है.
बात पते की..
– किसी भी इनसान के बारे में बुरी बात कहने से बचें. उसके बारे में अफवाहें न फैलायें. यह आदत घूम-फिर कर आपको ही नुकसान पहुंचायेगी.
– कोई व्यक्ति आपको दोस्त समझकर राजदार बनाता है और आप उसका विश्वास तोड़ देते हैं. इस तरह आप किसी के दोस्त नहीं बन सकेंगे.