इस्लामाबाद : नये सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के कल पदभार ग्रहण करने के बीच पाकिस्तान ने कहा है कि भारत के साथ लगती पूर्वी सीमा पर देश का ध्यान बना रहेगा जबकि अमेरिका ने उसे पडोसियों के खिलाफ आतंकवादी हमलों के लिए अपनी सरजमीं का इस्तेमाल नहीं करने देने के वादे को पूरा करने की याद दिलायी.
बाजवा पाकिस्तान के निवर्तमान सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ से दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना (सैनिकों की संख्या के लिहाज से) की कमान संभालेंगे. राहील शरीफ ने बतौर सेना प्रमुख आज यहां राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से अंतिम बार भेंट की.
रेडियो पाकिस्तान की खबर है कि शरीफ और हुसैन ने सेना प्रमुख के तौर पर राहील की बहुमूल्य सेवा की तारीफ की और सेवानिवृति के उपरांत सुखमय जीवन की कामना की. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जियो न्यूज से कहा, ‘‘सेना की नीति जारी रहेगी और (बाजवा के नेतृत्व में) उसमें तत्काल कोई तब्दीली नहीं होगी.”
उन्होंने कहा, ‘‘देश की पूर्वी सीमा पर ध्याना बना रहेगा और सशस्त्र बल राष्ट्र के सहयोग से सारी चुनौतियों से निबटेगी. ” उन्होंने कहा, ‘‘राहील शरीफ ने जो नजीर कायम किए हैं, उनके आलोक में उनकी विरासत जारी रहेगी. ” रक्षा मंत्री ने आस जतायी कि सरकार एवं सैन्य नेतृत्व देश की बेहतरी के लिए मिलकर काम करते रहेंगे.
जनरल राहील 20 सालों से भी अधिक समय में अपने कार्यकाल के समापन पर पद से हटने वाले पहले सेना प्रमुख होंगे. इसी बीच अमेरिका ने नये सेना प्रमुख की नियुक्ति का स्वागत किया है और उम्मीद जतायी है कि देश अपनी सरजमीं का इस्तेमाल पडोसियों के खिलाफ कभी नहीं होने देगा. इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा बाजवा की नियुक्ति का स्वागत किया. कल सेवानिवृत होने जा रहे राहील 2013 में प्रधानमंत्री शरीफ द्वारा जनरल अशफाक परवेज कयानी की सेवानिवृति पर सेना प्रमुख नियुक्त किए गए थे.