।। दक्षा वैदकर।।
वै लेंटाइन्स डे कल है, इसलिए आज का कॉलम खास कपल्स के लिए. मेरे अपार्टमेंट में एक कपल रहता है, जिन्हें मैं भैया-भाभी कहती हूं. कुछ दिनों पहले जब मैं उनके यहां चाय पी रही थी, तो मैंने देखा कि भैया फोन पर किसी ऑफिस के व्यक्ति से बात कर रहे थे. फोन पर वे बहुत शालीनता से, सम्मान दे कर और बेहद धीमी आवाज में बात कर रहे थे. 15-20 मिनट तक उन्होंने ऐसे ही बात की. जैसे ही फोन रखा तो भाभी को चिल्लाते हुए कहा, ‘अरे यार, कितनी देर पहले कहा था कि मेरे लिए नहाने का पानी रख दो.
तुम एक काम वक्त पर नहीं करती हो. मुङो देर हो गयी तो क्लाइंट हाथ से निकल जायेगा.’ भैया की यह बात सुनते ही भाभी हड़बड़ा कर काम में लग गयीं. उस दिन जब मैं घर आयी, तो यही सोचती रही कि आज भी भारतीय समाज में महिलाओं की स्थिति ठीक नहीं है. कई पुरुष ऐसे हैं, जो शादी कर के पत्नी नहीं, बल्कि काम वाली बाई घर में लाते हैं. वे जिस तरह से बिजनेस को चलाने के लिए जी जान लगा देते हैं, उतनी मेहनत अपने परिवार रूपी बिजनेस को चलाने में नहीं करते. सोचनेवाली बात है कि हमारे ऑफिस में अच्छा माहौल बनाने के लिए हम क्या-क्या नहीं करते.
हम कर्मचारियों के उत्साहवर्धन के लिए उनकी तारीफ करते हैं, इनाम भी देते हैं, स्टाफ को पिकनिक पर ले जाते हैं. सबसे बड़ी बात कि उन्हें सम्मान देते हैं, ताकि वे नाराज न हो जायें. कंपनी न छोड़ दें. वहीं दूसरी तरफ, घरवालों से बात करते वक्त हमारी आवाज ही बदल जाती है. वाइफ अगर ऑफिस टाइम में फोन लगा ले, तो हम बिफर पड़ते हैं कि क्यों तंग किया. हम उस पत्नी को बिल्कुल भी सम्मान नहीं देते, जो अपनी खुशियों को दिल में दबा कर सुबह से रात तक काम करती है. अंत में कुछ सवाल. क्या आपने कभी अपनी वाइफ को यूं ही कह के देखा है ‘तुम नहीं होती, तो न जाने मेरा क्या होता.’ क्या कभी ऑफिस में लंच टाइम पर फोन लगा कर कहा है कि ‘तुम्हारी याद आ रही थी, सोचा फोन लगा लूं.’ कभी यूं ही मैसेज भेजा है, ‘आइ लव यू.’ या ‘आज तुम अच्छी लग रही हो.’
बात पते की..
कुछ चीजें ट्राय करें और अपनी शादीशुदा जिंदगी को खुशनुमा बनायें. यह सच्चई जान लें कि आपका बिजनेस आपके परिवार से बढ़ कर नहीं है.
आप कितना ही अच्छा बिजनेस क्यों न चला लें, अगर आप अपने घर में अपनी वाइफ को सम्मान नहीं दे सकते, तो आपका जीवन बेकार है.