लंदन: वैश्विक युवा विकास सूचकांक में भारत की स्थिति खराब है और वह इस मामले में 133वें स्थान पर है. यह सूचकांक राष्ट्रमंडल सचिवालय ने रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, नागरिक और राजनीतिक क्षेत्र में युवाओं के लिये अवसर की संभावना के आधार पर तैयार किया है. इसमें कुल 183 देशों को शामिल किया गया है जिसमें भारत 133वें स्थान पर है. सूची में भारत नेपाल (77), भूटान (69) और श्रीलंका (31) से भी पीछे है. इतना ही नहीं दक्षिण एशियाई औसत से भी पीछे है. हालांकि पिछले सप्ताह जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले पांच साल में उसके अंक में 11 प्रतिशत का सुधार हुआ है.
यह तथाकथित जनसंख्या संबंधी लाभ का फायदा उठाने के लिये उल्लेखनीय मात्रा में निवेश को रेखांकित करता है. रिपोर्ट ‘2016 यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स’ के प्रमुख लेखक अभीक सेन ने कहा, ‘‘आज दुनिया में प्रत्येक युवा आबादी में एक भारत में है और इस लिहाज से यह इस ग्रह पर उसे सबसे युवा देश बनाता है.” रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘हालांकि भारत की स्थिति अपेक्षाकृत नीचे हैं लेकिन 2010-15 के दौरान करीब 11 प्रतिशत का उल्लेखनीय सुधार किया है. शोध में यह भी पता चला कि विशेष रुप से स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार के मामले में भारत पीछे है. इन क्षेत्रों में बेहतर निवेश से भारत आबादी संबंधी लाभ का बेहतर फायदा उठा सकेगा.’ सूची में शीर्ष 10 देशों में ज्यादातर यूरोप के हैं. इसमें जर्मनी पहले स्थान पर है. उसके बाद क्रमश: डेनमार्क (दो), स्विट्जरलैंड (चार), ब्रिटेन (पांच), नीदरलैंड (6), आस्ट्रेलिया (7), लक्जमबर्ग (8), पुर्तगाल (नौ) का स्थान है. गैर-यूरोपीय देशों में आस्ट्रेलिया तीसरे स्थान पर जबकि जापान 10वें पायदान पर है